बुढ़ापा खुद ही एक बीमारी है। मगर चालीस साल की आयु के बाद भी अगर आप सेहतमंद जीवनशैली अपनाते हैं तो बुढ़ापा आपको ज्यादा परेशान नहीं कर सकता। बुढ़ापे की अधिकांश बिमारियों की वजह जवानी में सेहत की अनदेखी और खराब जीवनशैली का होना है।
हालांकि, कुछ बिमारियां बुढ़ापा आते ही शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों के कमजोर होने और अंगों की शिथिल हो जाने से भी आती हैं। मोटापा अधिकांश बिमारियों का कारण बनता है। अगर जवानी में मोटापा पर कंट्रोल नहीं किया गया तो बुढ़ापे में यह गंभीर बिमारियां लाता है।
अर्थराइटिस यानि गठिया, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल का बढ़ना, हृदय रोग, समेत कई बिमारियां बुढ़ापे के दौरान परेशान कर सकती हैं। आइए जानते हैं बुढ़ापे में होने वाली कुछ आम बिमारियों के बारे में जो आपको बढ़ती उम्र में ज्यादा परेशान कर सकती हैं।
अल्जाइमर - Alzheimer in Old Age
अल्जाइमर मस्तिष्क को प्रभावित करती है। जिसमें लोगों को भूलने की बीमारी होती है। इसमें मानसिक संतुलन का बिगड़ना, याददाश्त में कमी और जानने-पहचाने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है।
पार्किंसंस - Parkinson's in Old Age
यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो शरीर और मस्तिष्क के स्नायु तंत्र को कमजोर करती है। इस बीमारी में लोग अपने मस्तिष्क और शरीर की मांसपेशियों पर नियंत्रण पूरी तरह खो देते हैं। इसमें कोमा तक की स्थिति आ जाती है।
नित्य कर्म पर नियंत्रणहीनता - Inefficiency in Old Age
पेशाब और शौच की आवश्यता को महसूस कर पाना या ठीक प्रकार से कर पाना बुढापे के दौरान देखी जाने वाली आम समस्यायें हैं। लोग अपने नित्य कर्म पर नियंत्रण खो देते हैं। नतीजा बेड सोर (Bedsore in Old Age) हो जाते है। यह अस्थाई भी हो सकती है और एक दीर्घकालिक (Chronic) बीमारी भी। इससे मानसिक अवसाद भी हो सकते हैं।
दिल की बीमारी - Heart Problems in Old Age
अमेरिका और यूरोप ही नहीं भारत में भी सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से होती है। बुढ़ापा आते-आते दिल कमजोर हो जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह खराब खान-पान और अस्वस्थ जीवनशैली है।
कैंसर - Cancer in Old Age
कैंसर 100 से ज्यादा बीमारियों का एक समूह है जिसमें शरीर के किसी भी अंग में अनियंत्रित ढ़ंग से कोशिकाओं की वृद्धि होने लगती है और यह शरीर के एक हिस्से से फैलते-फैलते अन्य अंगों को भी प्रभावित करने लगती है। हर साल डेढ़ लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं। हमारे देश में बूढ़ी महिलाओं की बड़ी वजह स्तन और गर्भाशय की कैंसर होती है। स्वास्थ्य जागरुकता के अभाव में हम अभी भी कैंसर का पहचान सही समय पर नहीं कर पाते हैं। मुख कैंसर और ब्लड कैंसर से भी कई मौतें होती हैं।
अर्थराइटिस या गठिया - Arthritis in Old Age
गठिया आम तौर पर बुढ़ापे की बीमारी है, मगर अब यह चालीस से पहले भी लोगों को सताने लगी है। इसमें मांसपेशी, हड्डियों के जोड़, पीठ, गर्दन, कुल्हा, घुटना और एड़ी में असहनीय दर्द होती है। दर्द के साथ पैर- हाथ, कुल्हे के मूवमेंट में भी परेशानी होने लगती है।
बुढ़ापे में आंखों की रोशनी कम हो जाती है। मोतियबिंद, ग्लूकोमा, आंखों की पुतलियों की बीमारी समेत ऐसी कई आंखों की शिकायतें बुढ़ापे में परेशान करती है।
डायबिटीज - Diabetes in Old Age
वैसे डायबिटीज या मधुमेह अब उम्र देख कर नहीं आती है, मगर बुढ़ापे में यह ज्यादा परेशान करती है। रक्त में शर्करा (Glucose) की मात्रा बढ़ जाने के बाद डायबिटीज होती है। इस बीमारी में शरीर में इंसुलिन बनने की क्षमता में कमी आ जाती है। नतीजा पैनक्रियाज समेत शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं।
नींद में गड़बड़ी - Insomnia in Old Age
बुढ़ापे में नींद कम आने या नहीं आने की शिकायत सबसे ज्यादा होती है। यह Insomania Sleep Apnea और नींद में चलने की बीमारी भी हो सकती है। नींद में गड़बड़ी की वजह से से बूढ़े लोग मानसिक रुप से थके-थके नजर आते हैं।
अवसाद - Depression in Old Age
अवसाद और चिंता जिसे अंग्रेजी में Anxiety या Depression कहते हैं एक बीमारी ही है। यह उम्र ढ़लने के साथ ही लोगों को सताने लगती है। कोई रचनात्मक काम नहीं करने या फिर बेकार बैठे रहने से यह बीमारी घेर लेती है। यह गंभीर होने पर कई सारे गंभीर बीमारी को न्योता देती है।
कम सुनना - Low Hearing in Old Age
10 में से 3 बूढ़ों को कम सुनने या नहीं सुनने की शिकायत होती है। यह 65 साल से लेकर 74 साल के बूढ़ों को ज्यादा परेशान करती है।
ऑस्टियोपोरेसिस - Osteoporosis in Old Age
बुढ़ापे में हड्डियां काफी कमजोर हो जाती है। इसी उम्र में ऑस्टियोपोरेसिस की शिकायत होती है जिसमें हड्डियां आसानी से चटक या टूट जाती है और फिर चटकने या टूटने के बाद जल्दी ठीक भी नहीं होती है। इन कैल्शियम खो चुकी हड्डियों में कैल्शियम बनने की नैसर्गिक प्रक्रिया बंद हो जाती है।
फेफड़े की बीमारी - Lungs Problems in Old Age
अगर आपने जवानी के दिनों में ही धूम्रपान और नशे करने पर रोक नहीं लगाया तो बुढ़ापे में फेफड़े काम करना बंद कर देंगे। अस्थमा, टीबी और फेफड़े के कैंसर जैसी घातक बीमारियां आपके लिए बुढ़ापे में जानलेवा हो सकती हैं।