भूख में कमी या खाने की इच्छा में कमी उम्र बढ़ने के साथ ही शुरु हो जाती है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बावजूद बुजुर्गों के खान-पान और पोषण पर हमें नियमित रुप से ध्यान देना चाहिए। बड़े-बुजुर्गों को भूख कम लगना कोई समस्या नहीं है मगर जब यह कोई गंभीर बीमारी का संकेत देने लगे तो परेशानी बढ़ सकती है।
उम्र बढ़ने के साथ भूख कम लगने की शिकायत एक आम समस्या है। मगर इसके अलावा कई और भी कारण हैं जिसकी वजह से बुजुर्गों को भूख कम लगती है या फिर खाने की आदत बदल जाती है। मसलन-
अगर आपके घर में बड़े-बुजुर्ग कम खाते हैं या फिर उन्हे भूख ही नहीं लगती है तो इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उनके सेहत के साथ कोई समस्या है। ऐसे मामलों में तुरंत किसी फिजीशियन से संपर्क करना चाहिए।
खाने की मात्रा नही पोषण की मात्रा बढाएं - Increase Nutritional Value
कम खाने या नहीं खाने से अगर सेहत बिगड़ रही है तो इसका मतलब यह नहीं है कि बुजुर्गों के थाली की साइज बढ़ा दी जाए। उन्हें ज्यादा खाने नहीं बल्कि ज्यादा पोषण की जरुरत होती है। बेहतर है कि इनके खाने की थाली में ऐसे चीज हों जिसमें विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा हो।
खाने की नियमित आदत डालें - Eat Regularly
हमारे शरीर को एक निश्चित समय पर भूख और प्यास की संकेत मिलती है। भूख नहीं भी रहने पर अगर उस खास समय में हल्का स्नैक्स या फिर जिस भी डिश में स्वाद लगे। अगर वो बुजुर्गों को दिया जाए तो उनके नियमित खाने की आदत बनेगी।
सामूहिक भोज और पार्टी में जाने को प्रोत्साहित करें - Encourage to Attend Feast or Party
घर का अकेलापन बुढ़ों को सालता है और अकेलेपन की वजह से भी भूख में कमी होती है। अगर उन्हें सोसायटी या मोहल्ले में होने वाले भोज या पार्टी में जाने को प्रोत्साहित किया जाए तो उनका अकेलापन भी खत्म होगा और खाने में रुचि भी लगेगी।