बुजुर्गों को अकेलापन काफी सालता है। अकेलेपन में अवसाद या निराशा की बीमारी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बुजुर्ग हमेशा उदास, मायूस और अपने में खोए-खोए रहते हैं। उन्हें किसी भी काम में रुचि नहीं लगती है और न ही दैनिक जीवन का वो आनंद उठा पाते हैं। बुजुर्गों में अवसाद के संकेत और लक्षण को समझने और जानने के तीन तरीके हैं- व्यवहार, सोच और अनुभव।
व्यवहार - Behaviours
सोच - Thoughts
अनुभव - Feelings
शारीरिक लक्षण - Physical symptoms
उपर बताए गए लक्षण हो सकता है आप भी महसूस करते हों तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप भी अवसाद की बीमारी से ही ग्रसित है। वैसे ही अगर किसी को डिप्रेशन है तो यह जरुरी नहीं है कि उसे ये सारे लक्षणों का अनुभव होता हो। हो सकता है बूढ़े लोग अपने अवसाद, निराशा या उदासी दूसरे तरीके से भी जताते हों।
अवसाद और पागलपन - Dementia and depression
पागलपन के 5 में से 1 मरीज को अवसाद (Depression) की बीमारी होती है। जब यह दोनों एक साथ हो तो दोनों को पहचानना मुश्किल हो जाता है। दोनों ही बीमारी के इलाज और इलाज के तरीके भी अलग-अलग हैं।
अवसाद के क्या हैं खतरे - What Are Risk Factors for Depression
क्या है इलाज - What are the treatments