बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। जहां 1951 में महज 2 करोड़ नागरिक वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते थे वहीं यह आकड़ा अब बढ़ कर 1991 के जनगणना में 5.7 करोड़ हो गया। एक अनुमान है कि 2050 तक आते-आते यह मुल्क वरीय नागरिकों का मुल्क कहलाएगा। वरीष्ठ नागरिकों की कुल आबादी 3.24 अरब हो जाएगी जो देश की कुल आबादी की साढ़े सात फीसदी हिस्सा होगी। जाहिर है बुजुर्गों की आबादी बढ़ने के साथ बुजुर्गों के देखभाल की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
हमारे देश में अभी बुजुर्गों के देखभाल(geriatric care) के लिए कोई प्रबंधन पश्चिमी मुल्कों की तरह तैयार नहीं हो पाया है। सरकारी अस्पतालों में भी ओल्ड एज के लिए अलग से ओपीडी की व्यवस्था नहीं है। हालांकि कई महानगरों में बुजुर्गों के देखभाल के लिए डे केयर सेंटर, ओल्ड एज होम और परामर्श केंद्र खुले हैं, मगर उनके स्वास्थ्य के जरुरतों के लिए अस्पतालों में अलग से ओपीडी नहीं खुली है।
बुढ़ापे में हेल्थ केयर सर्विस की सबसे ज्यादा जरुरत होती है और बुजुर्गों के देखभाल के लिए अलग से हेल्थ प्रोफेशनल की व्यवस्था को ही Geriatric Care Management कहते हैं।
वरीय नागरिकों के जीवन के देखभाल के लिए पूरी तरह समर्पित प्रबंधन प्रणाली को जेरीएट्रिक केयर मैनेजमेंट कहते हैं। किसी भी तरह की इमरजेंसी में इसके प्रोफेशनल और एक्सपर्ट बुजुर्गों की हेल्थकेयर, होम केयर, हाउसिंग, डे केयर खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर उनके आर्थिक और कानूनी जरुरतों को भी पूरा करते हैं। घर के सदस्यों के साथ मिल कर हर दिन 3 से 5 घंटे उनके घर में रह कर बुजुर्गों की देखभाल करते हैं। इनके देखभाल करने का तरीका बिल्कुल नियोजित तरीके से होता है और अपने ग्राहक (बुजुर्ग) की हर गतिविधि को लगातार मॉनिटर करते हैं।
हाउसिंग - Housing
परिवार के लोगों को बुजुर्गों के देखभाल और बेहतर जिंदगी के लिए अच्छे घर खोजने में मदद करना।
होम केयर सर्विस - Home Care Service
बुजुर्गों को घर में रहने-खाने-पीने से लेकर उनके दिन भर की जरुरतों के लिए क्या-क्या सामान चाहिए उसकी व्यवस्था करना। खास बात यह है कि इसमें उनकी सुविधा और स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है।
मे़डिकल केयर - Medical Care
डॉक्टर से मिलने का समय तय करना, डॉक्टर, अपने ग्राहक(बुजुर्ग) और उनके परिवार के बीच संवाद कायम करना और डॉक्टर के निर्देश के मुताबिक अपने ग्राहक को हर मेडिकल जरुरत समय-समय पर उपलब्ध कराना।
संवाद - Discussion
बुजुर्गों के आदत, खान-पान के तरीके या फिर व्यवहार में हो रहे बदलाव के बारे में परिवार के सदस्यों को समय-समय पर अवगत कराना।
बुजुर्गों का सामाजिक दायरा बढ़ाना - Social Connect
ये प्रोफेशनल्स बुजुर्गों के अकेलेपन को काफी नजदीक से समझते हैं। ये उनको मानसिक और शारीरिक रुप से सक्रिय करने के लिए समय-समय पर सामाजिक समारोह आयोजित करते हैं और उनको इसमें भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। इस तरह के आयोजन में बुजुर्गों के मन बहलाने से लिए कई तरह के सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
कानूनी - Legal
अपने ग्राहक(बुजुर्ग) को जरुरत होने पर मुकदमे की पैरवी करने या वसीयत बनवाने में वकीलों के साथ मिलने का समय फिक्स कराते हैं और एक्सपर्ट सलाह दिलवाते हैं।
वित्तीय - Financial
बैंक का काम हो या फिर बिजली-पानी, गैस का बिल जमा करना हो ये अपने ग्राहक के हर जरुरत का ख्याल रखते हैं।
सुरक्षा - Security
यह अपने ग्राहक(बुजुर्ग) के साथ उनके घर में समय बिताते हैं। साथ ही उन्हे अपने घर में चलने-बैठने या गिरने से बचने के लिए किस तरह के सुरक्षा उपकरण की जरुरत होगी इसकी व्यवस्था करते हैं। इतना ही नहीं बुजुर्गो के साथ आए दिन होने वाले हिंसा और उत्पीड़न के बारे में भी उन्हे आगाह करते हैं और इससे बचने के तरीके भी बताते हैं।