मानसिक तनाव चाहे किसी भी प्रकार का हो, यदि समय रहते काबू न किया जाए तो एक समय के बाद मानसिक विकार या मेंटल हेल्थ डिस्ऑर्डर (Mental Health Disorder) में तब्दील हो जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य के अंतर्गत कई तरह के विकार आते हैं लेकिन इन सबमें आम बात यह है कि ये किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को पूरी तरह प्रभावित करते हैं। ऐसे विकारों का शारीरिक बीमारी (Physical Illness) की तरह इलाज भी संभव नहीं होता है। मानसिक विकार अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं।
1-अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर - Attention Deficit Hyperactivity Disorder
इस डिस्ऑर्डर में व्यक्ति का मन काम में नहीं लगता है, या तो वह जरूरत से ज्यादा एक्टिव दिखेगा या एकदम नीरस। ऐसा व्यक्ति अकेले बैठकर घंटों बिता सकता है। ऐसा अधिकतर बच्चों में होता है जो कि बड़े होने तक भी बना रह सकता है।
2- एन्जायटी या पैनिक डिस्ऑर्डर - Anxiety or Panic Disorder
ऐसा व्यक्ति किसी घटना विशेष के कारण आहत होता है जो कि दोबारा उससे संबंधित चीजों या स्थान को देखने पर अनियंत्रित व्यवहार करता है।
3- बाईपोलर डिस्ऑर्डर - Bipolar Disorder
यह एक लंबे समय तक बने रहने वाला डिस्ऑर्डर है। बचपन से ही किसी चीज को लेकर दुखी या परेशान रहना दिमाग में घर कर जाता है जो कि बड़े होने तक भी नहीं निकलता।
4- तनाव - Tension
इसके तहत कई तरह की परिस्थितियां शामिल हैं। व्यक्ति के तनाव में रहने से उसके जीवन के प्रति नजरिया नीरस हो जाता है और किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगता।
5- सिग्जोफ्रिनिया - Schizophrenia Disorder
यह डिस्ऑर्डर साधारण नहीं है। सिग्जोफ्रिनिया होने पर व्यक्ति को न होने वाली स्थितियों का भी आभास होता है। तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती है। ऐसा व्यक्ति हर लोगों को शक की दृष्टि से देखता है। हालांकि कभी-कभी ऐसे व्यक्ति एकदम सामान्य व्यवहार करते हैं जिनसे इनकी बीमारी का पता लगाना भी मुश्किल होता है।
6- ईटिंग डिस्ऑर्डर - Eating Disorder
इसके तहत व्यक्ति या तो बहुत ज्यादा खाता है या बहुत कम। कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें पतले होते हुए भी खुद के मोटे का शक होता है और वो लोग खाना बिल्कुल छोड़ देते हैं। ऐसे लक्षणों को एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa) कहते हैं।
7- सोने और जगने से संबंधित डिस्ऑर्डर - Sleeping and Awakening Disorder
इस मानसिक विकार में व्यक्ति को लाख चाहने पर नींद नहीं आती। कई बार सोने के लिए नींद की गोलियों का इस्तेमाल करते हैं जो कि मस्तिष्क पर और भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसके उलट कई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा सोते हैं।
8- पर्सनेलिटी डिस्ऑर्डर - Personality Disorder
इस डिस्ऑर्डर में व्यक्ति खुद को दूसरों से कमतर आंकता है। दूसरों के सामने आने में हिचक महसूस करता है। बात करने या साथ किसी कार्य को करने से सहज महसूस करता है। ऐसे व्यक्ति कई बार प्रतिभावान होते हुए भी अपना प्रतिभा को दूसरों के सामने नहीं ला पाते हैं।
मेंटल हेल्थ डिस्ऑर्डर के कारण - Mental Health Disorder
मानसिक विकारों का आमतौर पर कोई एक खास कारण नहीं होता बल्कि इनके लिए बॉयोलॉजिकल, सायक्लॉजिकल और आसपास के वातावरण का प्रभाव जिम्मेदार होता है। यदि किसी को परिवार में मेंटल हेल्थ डिस्ऑर्डर हो तब भी यह उसकी अगली पीढ़ी में जाए ऐसा संभव है। बच्चे को किस माहौल में बड़ा किया गया है और उसके साथ कैसा व्यवहार रहा है यह सब भी व्यक्ति की आने वाली मेंटल इलनेस का कारण बनती है।
मेंटल हेल्थ डिस्ऑर्डर में कोई खास शारीरिक लक्षणों में बदलाव नहीं होता। फिर भी कुछ बातों पर गौर किया जा सकता है-