जब त्वचा के सेल्स एब्नॉर्मल तरीके से बढ़ना शुरू कर देते हैं तो त्वचा का कैंसर होता है। स्किन कैंसर का बड़ा कारण आपके द्वारा प्रयुक्त किए जा रहे सौंदर्य उत्पाद, खासकर संस्क्रीन, हो सकते हैं। संस्क्रीन (सन क्रीम) में धूप से बचने के लिए कई टॉक्सिक केमीकल भरे होते हैं जो त्वचा को जरूरी विटामिन डी भी नहीं लेने देते।
कई बार न्यूट्रीशनल डेफिशियेंसी (Nutritional Defficiency) भी त्वचा के कैंसर का कारण होती है। त्वचा के कैंसर से कई घरेलू नुस्ख़ों को आजमाकर बचाव संभव है।
काली रस्पबेरी के बीजों का तेल - Black Raspberry Seed Oil
रस्पबेरी के बीज एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं, जिससे इनमें कैंसर से बचाव की ताकत होती है। काली रस्पबेरी न केवल कैंसर को रोकती है बल्कि यह सीधे तौर पर कैंसर पैदा करने वाली जड़ पर प्रभाव डालती है। साथ ही कैंसर से लड़ने के लिए व्यक्ति की इम्यूनिटी (immunity) भी बढ़ाती है।
हल्दी - Turmeric
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) तत्व कैंसर के सेल्स को मारने में प्रभावी है साथ ही कैंसर को होने से भी रोकता है। खासकर ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर और त्वचा कैंसर में हल्दी अधिक प्रभावी है।
कुछ चीजों को अवॉइड करे - Necessary Precautions
त्वचा कैंसर से प्रभावित होने पर किसी भी ऐसे खाने से बचना चाहिए जो शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ाए, क्योंकि कैंसर एसिडिक और टॉक्सिक माहौल में ज्यादा फैलता है। ऐसे में ज्यादा तले और मसाले वाले खाने से दूर रहें। साथ ही फास्ट फूड, आर्टिफिशियल शुगर, कॉर्न सीरप, ऐसा खाना जिसमें ज्यादा फैटी एसिड हो, मीट और ट्रांस फैट आदि वाले खाने से बचना चाहिए।
विटामिन डी - Vitamin D
कैंसर से बचाव के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ देर धूप में बैठें। धूप में बैठना संभव न हो तो, विटामिन डी 3 सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है। विटामिन डी से शरीर की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है और शरीर कैंसर से लड़ने के लिए शक्तिशाली बनता है।
बैंगनी बैंगन
कैंसर से बचाव में बैंगन भी बेहद लाभप्रद है। इतना ही नहीं सोलानासे (Solanaceae) परिवार की अन्य सब्जियां जैसे- टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, आदि भी कैंसर से बचाव में उतनी ही प्रभावी हैं। बैंगन में मौजूद सोलासोडाइन राहमनोसाइल ग्लाइकोसाइड (Solasodine Rhamnosyl Glycosides) का प्रयोग तो आयुर्वेद में भी त्वचा के कैंसर की क्रीम बनाने में किया जाता है।