फेफड़े के कैंसर (Lungs Cancer) के इलाज के क्रम में कई मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है या सांस ही नहीं ले पाते हैं। इसमें सांस की नली जो फेफड़े को ऑक्सीजन पहुंचाती है, वो ही जाम हो जाती है। ऐसी स्थति में मरीजों को अलग से ऑक्सीजन नाक के द्वारा दिया जाता है और इससे मरीज काफी आराम महसूस करते हैं। लेकिन यह उपाय हमेशा के लिए नहीं हैं।
लंग्स कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। धूम्रपान और नशे के अत्यधिक सेवन से फेफड़े में जब टार की मात्रा काफी बढ़ जाती है तो फेफड़े का कैंसर (Lungs Cancer) होता है। अगर टीबी का इलाज सही से नहीं होता है या टीबी की दवाई का कोर्स मरीज आधे में ही छोड़ देता है तो फेफड़े के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
लंग्स कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी या फिर सर्जरी ही है, मगर लंग्स कैंसर के बाद भी अगर मरीज अपने खान-पान में बदलाव लाए और नशे की आदत को छोड़ दे तो काफी हद तक मरीज एक बेहतर जिंदगी जी सकता है।
खान-पान - Diet
फेफड़े के कैंसर के मरीजों के लिए सेहतमंद भोजन कच्ची सब्जी, और कच्चे फल होते हैं। साबुत अनाज खाना भी ठीक रहता है। सलाद का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना फायदेमंद रहता है। ऐसे मरीजों को हमेशा साफ और स्वच्छ पानी पीना चाहिए। फेफड़े के कैंसर में बादाम नहीं खाना चाहिए। दोपहर में खट्टे फल या साइट्रस फ्रूटस (Citrus Fruits) के जूस पीने चाहिए।
चीनी और रेड मीट को बोलो ना - Say Big No to Sugar and Red Meat
चीनी और रेड मीट को बिल्कुल ना कह दें। इसे खाने से कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि होने लगती है।
नशा और धूम्रपान को करो बाय - Quit Smoking and Alcohol
फेफड़े कैंसर के मरीजों के लिए सिगरेट-बीड़ी धूंकना जानलेवा हो जाएगा। शराब पीने या धूम्रपान करने से मरीज की स्थिति और बिगड़ सकती है।
विटामिन डी - Vitamin D
फेफड़े कैंसर के मरीजों के लिए विटामिन डी लेना काफी जरुरी है। इससे फेफड़े की मांसपेशियों में मजबूती आती है। धूप स्नान करना और सूर्य की रोशनी के संपर्क में रहना विटामिन डी लेने का सबसे बड़ा जरिया है।
ग्रीन टी - Green Tea
ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो फेफड़े के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। दिन में दो कप ग्रीन टी लेने से काफी फायदा होगा। ग्रीन टी में थोड़ा शहद मिला दें तो और बेहतर।
नोनी - Noni
यह एक ट्रापिकल फूड है जो फेफड़े के कैंसर में काफी असरदार होता है। इसे खाया भी जाता है और इसके जूस भी पीए जा सकते हैं।
रेस्वेराट्रोल - Resveratrol
यह रेड वाइन में पाया जाता है और फेफड़े के कैंसर में इसका सेवन काफी असर करता है। रात में डिनर के साथ एक पैग रेड वाइन लेना फेफड़े के सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
सीवीड - Seaweed
यह एक समुद्री सब्जी है जिसमें घाव को भरने की जबरदस्त क्षमता होती है। नेचुरोपैथी में इसे आजमाकर यह साबित हो चुका है कि कैंसर के इलाज में यह काफी कारगर और असरदार है। इसमें काफी मात्रा में मिनरल्स और ट्रेस एलिमेंट पाए जाते हैं।
अलसी बीज के तेल - Flaxseed Oil
यह फेफड़े कैंसर के इलाज में काफी असरदार है। अलसी बीज के तेल का सेवन कभी भी नहीं रोकना चाहिए। रोजाना इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेते रहें।
समुद्री और देशी छोटी मछलियां - Sea and local small fish
पोखर-तालाब में पाई जाने वाली छोटी मछलियां जैसे- रेवा, चेचड़ा, टेंगड़ा, सिंही- कब्बे और मांगुर मछलियों के साथ समुद्री मछली जैसे Prawn नियमित रुप से खाना चाहिए। इन मछलियों में काफी मात्रा में प्रोटीन और कॉड ऑयल पाया जाता है जो फेफड़े कैंसर मरीजों के लिए काफी असरदार है।