जब थायरॉइड ग्लैंड जरूरत के मुताबिक थायरॉइड हार्मोन स्त्रावित नहीं करती तो यह रोग हायपोथायरॉइड कहलाता है। इसे मेडिकल के क्षेत्र में हायपोथायरॉइडिज्म भी कहा जाता है।
हायपोथायरॉइडिज्म में रोगी को थकान, सर्दी, कब्ज, शुष्क त्वचा, मांसपेशियों में ऐंठन, अचानक से वजन बढ़ना, अवसाद, रूखे और झड़ते बाल और नाखुन, आदि समस्याएं पनपने लगती हैं।
कुछ घरेलू उपचार की मदद से हायपोथायरॉइडिज्म से निजात पायी जा सकती है, आइए आपको भी बताते हैं ऐसे ही कुछ घरेलू उपचारों के बारे में।
नारियल तेल - Coconut Oil
नारियल तेल में जरूरी फैटी एसिड होते हैं, जो थायरॉइड को नियंत्रित करते हैं। उपचार के लिए रोजाना बनाए जाने वाले खाने में नारियल के तेल का इस्तोल करें। संभव हो तो रोजाना एक गिलास दूध में नारियल तेल को मिलाकर पिएं।
सेब का सिरका - Apple Cider Vinegar
सेब का सिरका भी थायरॉइड की समस्या से निजात दिला सकता है। इसके डिटॉक्सीफिकेशन (Detoxification) के गुण अल्कालाइन (Alkaline) के संतुलन को बनाकर वजन को घटाते हैं और हार्मोन्स को स्तर ठीक करते हैं। इतना ही नही, सेब का सिरका कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीएं। इस पेय में आवश्यकता अनुसार शहद मिला सकते हैं।
विटामिन डी - Vitamin D
विटामिन डी थायरॉइड की समस्या से निपटने के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए रोज कम से कम 15 मिनट धूप में जरूर बैठें। इससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ती है।
अदरक - Ginger
अदरक, जिंक, पोटेशियम, और मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत है। इसके लिए अदरक की हर्बल चाय को दिनचर्या में शामिल करें। चाय बनाने के लिए उबलते पानी में कुछ टुकड़े अदरक के डालें। अच्छी तरह से उबल जाए तो कुछ देर ठंडा करें। गुनगुना रह जाए तब इसमें शहद मिलाएं और अदरक की इस चाय को पीएं। इस चाय को दिन में दो से तीन बार पिया जा सकता है।
मछली का तेल - Fish Oil
मछली का तेल थायरॉइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है। साथ ही, यह स्वस्थ थायरॉइड फंक्शन को भी बनाए रखता है। मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी अधिक होता है जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता हैं। डॉक्टर की सलाह से मछली के तेल के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
आयोडीन की मात्रा बढाएं - Increase Iodine
आयोडीन की ऑर्गेनिक इनटेक भी हायपोथायरॉइडिज्म में राहत का काम करती है। आयोडीन के ऑर्गेनिक स्रोतों में प्याज, ओट, टमाटर, लहसुन, बंदगोभी, अनानास और स्ट्रॉबेरी, आदि शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों को रोज के भोजन में शामिल करें।
काले अखरोट - Black Wallnut
काले अखरोट मिनरल, जैसे कि आयोडीन और मैगनीज के उच्च स्रोत होते हैं। यह मिनरल थाइरॉइड ग्लैंड को समुचित रूप से काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। काले अखरोट को भी रोज खाया जा सकता है।
तनाव से दूर रहें - Avoid Stress
यदि आप थायरॉइड संबंधी किसी भी परेशानी से ग्रसित हैं तो तनाव बिल्कुल न लें। ऐसा कोई भी कार्य न करें, जो आपको इरीटेट करता हो और आपके तनाव को बढ़ाता हो क्योंकि तनाव से आपकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
हाई कैलोरी फूड से बचें - Avoid High Calorie Food
बिस्कुट, मिठाईयां, केक और इसी प्रकार के अन्य खाने की चीजें जो हाई कैलोरीयुक्त होती हैं, उन्हें एकदम अवॉइड करें। इसके साथ ही खाने से सफेद चावल, मैदा, तला हुआ खाना आदि से भी पहरेज करें। इतना ही नहीं चाय और कॉफी की मात्रा भी घटाएं, जिससे हायपोथायरॉइडिज्म में आराम हो।