उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) यूं तो जीवनशैली से संबंधित एक सामान्य बीमारी है लेकिन यही कई अन्य बड़ी बिमारियों की शुरूवात या वजह भी है। कई बार उच्च रक्तचाप से व्यक्ति की मृत्यु तक संभव है।
दिल की बिमारियां (Heart Disease), एनजाइना (Engina) और स्ट्रोक (Stroke) आदि सभी समस्याएं उच्च रक्तचाप के कारण होती हैं यहां तक की कई बार शुगर के लिए भी उच्च रक्तचाप जिम्मेदार होता है।
हालांकि यदि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए तो कई घरेलू उपायों से भी उच्च रक्तचाप को ठीक किया जाना संभव है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही घरेलू उपचारों के बारे में।
लहसुन - Garlic
लहसुन को खाली पेट सुबह कच्चा ही खाएं। लहसुन में रक्त को पतला करने के गुण होते हैं जो कि रक्त का थक्का जमने से भी रोकता है। चिकित्सक से परामर्श लेकर लहसुन कर प्रयोग शुरू कर सकते हैं।
शहजन की फली - Drum Sticks
शहजन में प्रोटीन, विटामिन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद जरूरी हैं। शहजन का उपयोग करने का आसान तरीका है कि इसकी फलियों को दाल के साथ बनाकर खाया जाए। इससे भी उच्च रक्तचाप नॉर्मल होता है।
आंवला - Indian Gooseberry
आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जो कि शरीर से कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की मात्रा को कम करती है। इससे दिल स्वस्थ रहता है और उच्च रक्त चाप नियंत्रित।
मूली - Radish
रसोईघर में प्रयोग होने वाली आम सब्जी है मूली, लेकिन इसमें उच्च रक्त्चाप को नियंत्रित करने के गुण होते हैं। मूली को सलाद के रूप में कच्चा या दही के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।
तिल - Sesame
तिल डायस्टोलिक और सिस्टोलिक (Diastolic and Systolic) , दोनों तरह के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। तिल के तेल में सिसमिन (Sesamin) और सिसमिनॉल (Sesaminol) दोनों होते हैं जो कि शरीर के तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
तिल का खाने में प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। तिल के लड्डू या तिल का पाउडर सलाद या दाल सब्जी में ऊपर से छिड़ककर खाने से लाभ होता है।
अलसी के बीज - Flex Seed
अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड में से एक है जिससे इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड (Alfa Linolenic Acid) नामक यौगिक की उच्च मात्रा होती है। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ ही केलॉस्ट्रॉल की मात्रा भी घटाता है जिससे हृदय भी स्वस्थ बनता है।