पिछले कुछ दिनों में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी नामक बुखार की चपेट में आने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। चमकी बुखार एक संक्रामक और जानलेवा बीमारी है। यह बीमारी वायरस, बैक्टीरिया और फंगस की वजह से फैलती है। चमकी बुखार को दिमागी बुखार ,जापानी बुखार, इंसेफेलाइटिस सिड्रोंम जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। चमकी बुखार को एक खतरनाक बीमारी माना जाता है क्योंकि इलाज में थोड़ी सी लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। आखिर क्यों इतना खतरनाक है यह बुखार? क्या है इसके लक्षण? और कैसे इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है? आइए आपको इससे बचने के उपाय के बारे में बताते हैं-
डॉक्टरों के अनुसार चमकी बुखार से ग्रस्त बच्चों में पानी और हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है। इस बुखार से ग्रस्त होने पर बच्चों में कई तरह के लक्षण दिखते हैं। सबसे पहले वह लगातार तेज बुखार का शिकार होते हैं। इसके बाद उनके बदन में लगातार ऐंठन शुरू होती है। इसमें अक्सर बच्चे दांत पर दांत दबाए रहते हैं। बच्चों में सुस्ती नजर आती है। कमजोरी की वजह से कई बार बच्चे बेहोश भी हो जाते हैं। कई बार उनके शरीर में किसी तरह की गतिविधि या हरकत भी नहीं होती।