कैंसर के लिए कार्सिनोसिन - Carcinosin For Cancer in Hindi

कैंसर के लिए कार्सिनोसिन - Carcinosin For Cancer in Hindi

यह 'नोसोड' कैंसर से बना है इसका प्रूविग डॉ० डब्ल्यू० एल० टैमपल्टन ने किया था और डॉ० फॉबिस्टार ने इसका रोगियों पर परीक्षण किया था। डॉ० फॉबिस्टार का कथन है की कैंसर के रोगी में यह औषधि रोग को एक स्थान से दूसरे स्थान में परिवर्तित कर सकता है, परन्तु डॉ० क्लर्क का कथन है की जिस रोग में या उसके वंश में कैंसर का इतिहास पाया जाय तो उसे यह औषधि देने से रोग धीमा पड़ जाता है। डॉ० ले हंटे कूपर ने इस औषधि का विशेष रूप से उपयोग किया था। उनका कथन है की कैंसर का कोई भी रोगी ऐसा नहीं है जिसे रोग की किसी अवस्था में इस से लाभ न हो। वे कहते हैं की कैंसर के रोग को यह औषधि देनी ही चाहिए, इस से सदा लाभ होने की संभावना रहती है। बम्बई के डॉ० शंकरन एक रोगी का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि एक 14 बरस की लड़की को रात में पेशाब हो जाया करता था। उसकी माँ को भी यही बीमारी 20 साल की आयु तक रही थी। एलोपैथी, होम्योपैथी किसी भी दवा से उसे लाभ न होता था, परन्तु कार्सिनोसिन की केवल एक खुराक से उन्हें इसमें लाभ मिला।परिवार में कैंसर के लक्षण पर कार्सिनोसिन की एक खुराक मिलने पर किसी भी रोग में इस से लाभ होता है।

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