सर्दी जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic treatment for Common Cold in Hindi

सर्दी जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic treatment for Common Cold in Hindi

आयुर्वेद में जुकाम तीन प्रकार के बताए गए हैं। तीन प्रकार के जुक़ाम हैं:

  • जुकाम
  • पुराना जुकाम,
  • नज़ला

जुकाम कई प्रकार के वायरस आदि के संक्रमण से होता है। आयुर्वेद में इससे बचने के कुछ उपाय सुझाए गए हैं जो इस प्रकार हैं:

1.अधिक ठंड, तेज धूप, लू व बरसात में भीगने से बचें, गीले वस्त्र न पहनें।

2.सर्दी में गरम कपड़े पहनकर रहें तथा सर को हमेशा ढंक कर रखें।

3.जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचकर रहें।

4.भीड़-भाड़ वाले स्थान पर तथा धूल से बचाव के लिए मुंह व नाक पर रूमाल या मास्क लगा कर रखना चाहिए।

5.किसी भी चीज को खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।

6.जुकाम, खांसी, फ्लू, न्युमोनिया व इन्फ्लुएंजा के रोगी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।

खान-पान का रखें ध्यान - Diet in Common Cold in Hindi

जुकाम या सर्दी होने पर गरम व कम भोजन के साथ गर्म पानी का प्रयोग करें। चिकनाई रहित तरल पदार्थ जैसे मूंग की दाल के पानी में अदरक, काली मिर्च, लौंग, हींग आदि डालकर पीने से जुकाम में आराम मिलता है। संक्रमण रोकने वाले अनाज नींबू, गोभी, गाजर, प्याज, लहसुन, मसाले, अंकुरित दालें तथा जिंक से भरपूर भोज्य पदार्थ लें।

जुकाम होने पर क्या न करें - Precaution for Common Cold in Hindi

जुकाम होने पर हमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। आयुर्वेद में कुछ ऐसे चीजों का जिक्र किया गया है जिनका परहेज जुकाम होने पर करना चाहिए

1.ठंडी के मौसम में सीधी व तेज हवाओं के संपर्क से बचना चाहिए।

2.गुस्से या मानसिक तनाव से दूर रहें।

3.दूध, दही, मट्ठा, ठंडे पेय पदार्थों आदि से परहेज करना चाहिए।

4.धूम्रपान, धूल, धुंआ आदि से बचना चाहिए।

5.कड़ी धूप से बचना चाहिए।

6.कही बाहर से आने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

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