वात संतुलन : आयुर्वेद में डिमेंशिया का उपचार मुख्य रूप से वात संतुलन बहाल करने पर संभव है। इसलिए आयुर्वेद में डिमेंशिया का उपचार एक वात संतुलित आहार के साथ शुरू होता है।
अश्वगन्धा (Ashwagandha) : पाउडर के साथ दूध, घी या स्किम्ड दूध वाले व्यक्ति की पाचन क्षमता के अनुसार दैनिक आहार में पहली पुनः व्यवस्था है।
तेल मालिश : स्नान से पहले दैनिक तेल मालिश आयुर्वेद में डिमेंशिया के इलाज का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आयुर्वेदिक पंचकर्म: आयुर्वेदिक पंचकर्म शोधन प्रक्रिया का एक हिस्सा है। धूनी और एनीमा जैसे अन्यकर्म शरीर को अंदर से साफ़ करने वाली प्रक्रियाओ की सहायता करते हैं।
जड़ी बूटियों : अनेक आयुर्वेदिक संस्थान ब्राह्मी, अश्वगंधा (aswagandha) आदि मुख्य जड़ी बूटियों से तैयार शांतिदायक टॉनिक व दवा, डिमेंशिया के इलाज के लिए विकसित कर रहे हैं।