कब्ज का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic treatment for Constipation in Hindi

कब्ज का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic treatment for Constipation in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार:

  • कब्ज़ शरीर में वात के बढ़ने से होती है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार वात प्रकृति वाले व्यक्तियों को कब्ज़ होने की संभावना ज्यादा रहती है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ का मूलभूत कारण हमारा भोजन है। अगर भोजन में फाइबर और तरल पर्दार्थों की कमी होगी तो हमारे मल को शरीर से बाहर निकलने में परेशानी होगी । 

आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment

कड़ा कब्ज़ - Hard Stool :

  • हल्के गर्म तिल के तेल से अनिमा (Enema) लेने पर कड़े कब्ज़ में तुरन्त राहत मिलती है।
  • तिल के तेल से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।
  • ग्लिसरीन से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।

पुरानी कब्ज़ - Chronic Constipation :

  • त्रिफला (Triphala) के सेवन से पुरानी कब्ज़ में बहुत आराम मिलता है।
  • रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चुर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज़ दूर होती है।
  • त्रिफला व ईसबगोल की भूसी दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज़ दूर होती है।

वात युक्त शरीर - Vata Type Body:

  • वात युक्त शरीर वालों के लिए हल्के गर्म तिल के तेल से अनिमा लेने पर कब्ज़ में तुरन्त राहत मिलती है।
  • रात को सोते समय दूध के साथ अलसी के बीज़ Flaxseeed लेना लाभकर होता है। 

पित्त युक्त शरीर - Pitta Type Body :

  • पित्त युक्त शरीर वालों में कब्ज़ का मूल कारण शरीर में पित्त की अधिकता के कारण इन्फ्लेमेशन का होना है।
  • पित्त युक्त शरीर में पेट और छोटी आँत, दो ऐसी जगह है जहाँ पित्त दोष का असर सबसे ज्यादा होता है। 
  • नीम पित्त दोष के लिए एक बहुत उपयुक्त जड़ी बूटी है। इसके उपयोग से पित्त दोष में आराम मिलता है और छोटी आँत की इन्फ्लेमेशन कम होती है जिस कारण वहाँ से मल को आगे बढ़ने में आसानी होती है।

कफ युक्त शरीर - Kapha Type Body :

  • कफ युक्त शरीर वालों के लिए शरीर में कफ को नियंत्रित करने वाले आहार पर जोर दिया जाता है।
  • बासमती चावल, कच्ची सब्जियाँ और फ़ल जैसे की सेब, केला, अंगूर का सेवन लाभदायक होता है।
  • कफ युक्त शरीर वालों को कभी भी जुलाब प्रेरक प्रदार्थ नही लेना चाहिये।
  • अपने भोजन में उन पर्दार्थो का समावेश करें जिनमे फाइबर अधिक होता है।

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