बारिश के मौसम में पानी दूषित हो जाता है, जिसे पीने के कारण पेट से जुड़ी कई बिमारियां हो सकती हैं। इसलिए बारिश के मौसम में प्रदूषित पीने का पानी खासकर लोगों के लिए चिंता का कारण बन जाता है। बिमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि हम पानी को पीने से पहले साफ, स्वच्छ और शुद्ध कर लें।
पानी को साफ, स्वच्छ, शुद्ध और पीने योग्य बनाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं।
पानी में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए पानी को उबालना सबसे पुराना, अच्छा और असरदार उपाय माना जाता है। यदि पानी को पीने से पहले 2 से 3 मिनट के लिए उबाल लिया जाए तो इससे निश्चित तौर पर रोगजनक बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ और अन्य सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। उबालने के बाद पानी को छानकर ठंडा कर ले, फिर इसे साफ बर्तन में रख दें।
कुछ दिनों से रखा पानी बहुत गंदा दिखाई देने लगता है। अवसादन (Sedimentation) एक बहुत आसान प्रक्रिया है जिसके प्रयोग से हम पानी की अशुद्धियों को दूर कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया में बाजार में उपलब्ध फिटकरी के एक छोटे से टुकड़े को अशुद्ध पानी में डालकर एक से दो घंटे के लिए ढककर छोड़ दें। ध्यान रहें, फिटकरी डालने के बाद पानी को करीब दो घंटे तक न हिलाएं। इसके बाद आप देखेंगे की पानी की सारी गंदगी बर्तन के निचले हिस्से में जम गयी है। अब आप इसमें से नीचे जमी हुई गंदगी को छोड़कर साफ पानी को निकालकर दूसरे बर्तन में रख सकते हैं।
क्लोरीन की गोलियों का इस्तेमाल पानी को शुद्ध करने की काफी अच्छा माना जाता है। बाजार में बड़ी आसानी से किसी भी केमिस्ट की शॉप से क्लोरीन गोलियां खरीदी जा सकती हैं। क्लोरीन की गोलियों को पानी से भरे बर्तनों में डालने के बाद कुछ देर तक पानी को हिलाएं ताकि गोली पानी में अच्छे से घुल जाए। ऐसा करने के 4 से 5 घंटे में पानी एकदम साफ और शुद्ध हो जाता है, जिसे बिना किसी डर के पिया जा सकता है। एक 20mg की गोली लगभग 5 लीटर पानी को साफ कर सकती है।
ब्लीच के प्रयोग से हालांकि पानी में मौजूद सारे कीटाणु नहीं मरते है परंतु इससे पानी काफी हद तक साफ हो जाता है। पानी को साफ करने के लिए ब्लीच की करीब आठ बूंदें चार लीटर पानी में लगातार डालें और इसे पानी में घुलने दें। इसके बाद इसे लगभग आधे घंटे के लिए छोड़ दें और फिर इसका प्रयोग करें।
बारिश के दिनों में पानी के संक्रमण से होने वाले रोग स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि पानी के प्रति एहतियात बरता जाए और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच एवं इलाज करवाया जाए। साथ ही, गैर-संक्रमणजनित रोगों, जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर जैसी जानलेवा बिमारियों की समय रहते पहचान बहुत जरूरी है।