त्वचा हमारे शरीर को सम्पूर्ण रूप से ढकती है और अंदरुनी ऊतकों की सुरक्षा करती है। यह हमारे शरीर सबसे बड़ा भाग है। त्वचा में ग्रन्थियां होती हैं। इसके अलावा बाल और नाख़ून भी इसके मुख्य भाग हैं।
त्वचा के तीन मुख्य भाग होते है:
आयुर्वेद का सिद्धांत समग्र दृष्टिकोण का है, इसलिए इस पद्धति के अनुसार हमारी त्वचा पर हमारे खान पान का सीधे तौर पर असर पड़ता है। अतः ऊपरी देखभाल के साथ-साथ हमें अंदर से भी अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार त्वचा को सही प्रकार से प्रभावित करने वाले तत्वों का उपयोग अपने खाने पीने में करना चाहिए।
आयुर्वेद में त्वचा की देखभाल त्वचा के प्रकार पर निर्भर करता है। आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के अनुसार त्वचा तीन प्रकार की होती है: वात त्वचा (Vata skin), पित्त त्वचा (Pitta skin), कफ त्वचा (Kapha skin)। त्वचा के तीनों प्रकारों की देखभाल के लिए टिप्स निम्नलिखित हैं:-
इस प्रकार की त्वचा में पानी और मिट्टी दोनों की विशेषतायें होती हैं। यह तैलीय, मोटी, पीले रंग की, मुलायम प्रकार की त्वचा है और इस प्रकार की त्वचा पर धूप का असर कम होता है।
तैलीय और मोटी होने के कारण इस प्रकार की त्वचा को नियमित तौर पर डिटॉक्सीफिकेशन (detoxification) की ज़रूरत रहती है।
इस प्रकार की त्वचा संवेदनशील, मुलायम, गर्म और मध्यम मोटाई की होती है। पित्त त्वचा पर अन्य प्रकार की त्वचाओं के मुकाबले झाइयां आसानी से पड़ जाती हैं। पित्त त्वचा को ठंडक और पोषण दोनों की ज़रुरत होती है।
इस प्रकार की त्वचा पतली, नाजुक, रूखी होती है। वात त्वचा जल्दी से अपनी नमी छोड़ देती है और छूने पर ठंडी प्रतीत होती है। इस प्रकार की त्वचा पर अगर ध्यान न दिया जाये तो इस पर झुर्रियां जल्द पड़ती हैं।
वात त्वचा पतली, नाजुक, रूखी और इस पर झुर्रियां जल्द पड़ती हैं इसलिए इस प्रकार की त्वचा की देखभाल के लिए जिन पदार्थो का प्रयोग किया जाये वह त्वचा को भरपूर पोषण देने में सक्षम होने चाहिए। रूखेपन और झुर्रियों से बचने के लिए तेल और जड़ी बूटियों को मिला कर प्रयोग करना चाहिए। तेल रूखेपन के लिए और जड़ी बूटियां पोषण देने के लिए होती है।
अगर आपकी त्वचा, वात त्वचा प्रकार की है तो अनुशासन से सही समय पर सोने का, सही समय पर सही खाना खाने का और एक नियमित दिनचर्या का पालन करने से त्वचा पर निखार बना रहता है। गुनगुने तेल से हर रोज मालिश करने से शरीर में रक्त संचार अच्छा होता है।
1. बादाम खाएं :
बादाम में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और शरीर की त्वचा पर सूरज से पड़ने वाली यू.वी किरणों से त्वचा को बचाता है।
2. गाजर का सेवन भी है अच्छा :
गाजर में विटामिन-ए मौजूद होता है। गाजर के सेवन से शरीर की त्वचा निखरती है। यह शरीर की त्वचा की बाहरी परत की कोशिकाओं को पोषक तत्व प्रदान करती है।
3. डार्क चॉकलेट भी रखेगी हेल्थी :
डार्क चॉकलेट शरीर की त्वचा के लिए फायदेमंद होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स पाएं जाते हैं जो शरीर की त्वचा को रूखा होने से बचाते हैं। साथ ही सूरज से पड़ने वाली किरणों से भी सुरक्षा मिलती है।
4. ग्रीन टी :
ग्रीन टी के कई फायदे होते हैं उनमें से एक इसके सेवन से स्किन कैंसर से बचाव है। इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर की त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। ग्रीन टी का सेवन करके या इसे फेशल, स्क्रबिंग, स्टीम आदि के द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. अन्य टिप्स :
धूम्रपान, शराब का सेवन छोड़ दें। खूब पानी पिएं और नींद पूरी लें। रोज़ाना सुबह प्राणायाम करें। शरीर की त्वचा को रोज़ मॉइस्चराइज करें। धूप में निकलने से पहले शरीर को कपड़ों से ढक लें। सनग्लासेस व सनस्क्रीन का प्रयोग करें। यदि आपका त्वचा का रोग सही नहीं हो रहा है तो समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।