स्तन मुख्यतः दूध का उत्पादन करने वाली ग्रन्थियों से मिलकर बने होते हैं जो एक नली द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। यह ग्रन्थियाँ चारों ओर से चर्बीदार ऊतकों से घिरी होती हैं।
स्तन कई आकार व माप के हो सकते हैं। निप्पल के आकार व रंग में भी काफ़ी अंतर हो सकता है।
1. प्रोटीन :
सोयाबीन, दूध, अंडे, लीन फैट, पीनट बटर और चिकेन में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होती है, जो स्तनों के विकास में मदद करता है।
2. साइटोएस्ट्रोजन :
जीरे में, फलों में, नट्स में साइटोएस्ट्रोजन होता है जो स्तनों के विकास में मदद करता है। नट्स जैसे- काजू, पिस्ता, बादाम आदि और फल जैसे- पीच, स्ट्रॉबेरी और रसभरी का सेवन करने से स्तन काफी सुडौल हो जाते हैं।
3. आयरन :
चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिससे स्तनों का विकास बेहतर होता है।
4. एस्ट्रोजन :
चिक पीस्स, गाजर, दूध और दही के सेवन से आपके स्तनों के आकार पर काफी फर्क पड़ सकता है। इसमें एस्ट्रोजन की उचित मात्रा होती है जो स्तनों के आकार में वृद्धि कर देती है।
1. सही नाप की ब्रा पहनें :
यह बहुत जरूरी है कि आप सही नाप की ब्रा पहनें जिससे कि स्तन सही शेप में रहें। ब्रा का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि आपके स्तन उछले नहीं और बाहर की तरफ नहीं निकलें। यदि आपको अपने ब्रा के आकार के बारे में जानकारी नहीं है, तो किसी से सलाह लें ताकि आकार का ठीक नाप हो सके।
2. मसाज :
अपने स्तनों को सुडौल बनाए रखने के लिए रोजाना 10 मिनट तक ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की और मसाज करें। इससे ऊतकों में रक्त का सही संचार होगा और लचकता बनी रहेगी। इसके लिए आप ग्वारपाठे का जैल, बादाम का तेल या अन्य वनस्पति तेल इस्तेमाल कर सकते है।
3. वजन स्थिर रखें :
नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से वजन को स्थिर बनाए रखें। वजन के कम या ज्यादा होने से ऊतकों में खिंचाव हो जाता है। यह स्तनों के लचीलेपन को प्रभावित करता है।
4. जल का सेवन :
आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी और अन्य तरल पदार्थ पीये।