गर्भावस्‍था में 7-9 महीनों के दौरान क्या करें क्या न करें - What to do and what not to do during 7-9 months of pregnancy in Hindi

गर्भावस्‍था में 7-9 महीनों के दौरान क्या करें क्या न करें - What to do and what not to do during 7-9 months of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के आखिरी महीनों में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। खाने पीने से लेकर साफ सफाई और आराम करने तक कहीं भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। पेट पर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं पड़ना चाहिए साथ ही गर्भवती महिला को हमेशा खुश रहना चाहिए। आइये और कुछ विशेष ध्यान देने योग्य बातों के बारे में जानकारी देते हैं आपको-

1. सफर ना करें
गर्भावस्था की आखिरी तिमाही में सफर ना करें। खासकर कार से या हवाई यात्रा। ऐसा करने से मिसकैरिज के चांसेस बढ़ जाते हैं या बच्चा समय से पहले भी पैदा हो सकता है।

2. स्ट्रेचिंग करें
डिलीवरी के वक्त कोई परेशानी ना हो इसके लिए हल्की स्ट्रेचिंग करती रहें। इससे शरीर में लचीलापन आएगा जिससे डिलीवरी नार्मल होने के चांसेस बढ़ेंगे।

3. हॉस्पिटल का बैग तैयार करें
आखिरी हफ्तों में कभी भी डिलीवरी का समय आ सकता है ऐसे में जरूरत का सभी सामान बैग में रखकर तैयार कर दें। जिससे डिलीवरी के समय में परिवार के लोग सामान जुटाने में ना लगे रहें।

4. डाइट पर दें ध्यान
अपने खाने पर पूरा ध्यान दें। आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर भोजन करें। कार्बोहाइड्रेट भी उचित मात्रा में लें। जो आप खाएंगी  उसका पोषण बच्चे को मिलेगा इसलिए ज्यादा नहीं लेकिन हेल्थी खाएं।

5. ब्रेस्ट फीडिंग के लिए तैयार रहें
खुद को डिलिवरी के बाद होने वाले बदलावों के लिए भी तैयार रखें। ब्रेस्ट फीडिंग कैसे कराते हैं, किस पोजीशन में बच्चा ज्यादा आरामदायक रहता है, कितनी देर फीड कराना चाहिए इन सब बातों के बारे में जानकारी जुटाएँ।

6. किताबें पढ़ें
सबसे बेहतर है इस दौरान मातृत्व और बच्चों पर आधारित किताबें पढ़ें। इससे आपकी आने वाले समय के लिए जानकारी भी बढ़ेगी साथ ही मन में पल रहे सवालों के जवाब भी आसानी से मिल जाएंगे।

7. बच्चे की जरूरत का सामान जुटाए
इन आखिरी हफ्तों में ही बच्चे के लिए भी खरीददारी कर लें। कपड़ों से लेकर साबुन तेल, बच्चे की तौलिया, बच्चे को रखने के लिए कपड़ा और टॉयलेट शीट सब कुछ खरीद कर रखें।

8. मानसिक रूप से तैयार रहें
आखिरी हफ्ते में खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें। घबराएं नहीं और सकारात्मक सोचें।

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