गर्भवती होने का पता चलते ही गर्भवती महिला मन ही मन कई प्लानिंग करने लग जाती है। लड़का होगा या लड़की, बच्चे का नाम वगैरह। आइये आपको बताते हैं कि पहली तिमाही में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
1. हेल्थ केअर प्रोवाइडर का चुनाव - Choosing a healthcare provider
गर्भवती होने का पता चलते ही अपनी डॉक्टर या मिड-वाइफ का चुनाव करें। इस बारे में अपनने जान पहचान वालों और परिवार के सदस्यों की मदद ली जा सकती है। ध्यान रहे एक्सपर्ट का चुनाव करें क्योंकि इस मामले में बार बार डॉक्टर बदलना सही नहीं।
2. जरूरी विटामिन और फोलिक एसिड लें - Vitamins and folic acid
आपका बढ़ता हुआ भ्रूण एक दिन में 4 मिलीग्राम फोलिक एसिड की जरूरत रखता है जो उसके शारीरिक और मानसिक दोनों विकास के लिए जरूरी है। अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर अन्य विटामिन भी लें जिसकी आपके शरीर को जरूरत है, खासकर आयरन टेबलेट।
3. हेल्थी खाएं - Eat healthy food
यह कहना गलत है की गर्भावस्था में दो लोगों के लिए खाना चाहिए, एक खुद और दूसरा बच्चा। एक दिन में 500 कैलोरी पर्याप्त होती है। लीन प्रोटीन, व्होल ग्रेन, ताज़ी सब्जियां और फल प्रचुर मात्रा में खायें।
4. खूब पानी पिएं - Drink plenty of water
पानी पीना यूं भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। गर्भावस्था में भी पानी पीने के बहुत फायदे हैं। शरीर के विषैले टोक्सिन बाहर निकलते हैं और शरीर एक्टिव रहता है।
5. रोजाना व्यायाम करें - Exercise during pregnancy
एक्टिव रहेंगी तो आप ऊर्जा से भरी रहेंगी और व्यायाम आपको एक्टिव रहने में मदद करेगा। साथ ही आपके शरीर को डिलिवरी के लिए तैयार करेगा जिससे सामान्य डिलिवरी के ज्यादा चांस हों। शुरुआत हल्के व्यायाम से करें जैसे टहलना और तैरना।
6. आराम बेहद जरूरी - Rest during pregnancy
पूरे दिन में कई बार नींद की झपकियां लें और रात में भी जल्दी सोने की आदत डालें। ऐसा करने से आपके बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होगा।
7. रक्तस्त्राव पर ध्यान दें - Bleeding precautions
सचेत रहें कि कहीं आपको रक्तस्त्राव तो नहीं हो रहा। यदि हो रहा है तो डॉक्टर से परामर्श लें।
8. धूम्रपान ना करें - Avoid Smoking
यदि धूम्रपान करती हैं तो बंद कर दें। धूम्रपान से बच्चे के वजन पर फर्क पड़ता है। जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है।
9. शारीरिक और मानसिक बदलाव के लिए तैयार रहें - Be ready for the physical and mental change
इस दौरान बहुत से शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं जिनमे मूड स्विंग, सीने में जलन, मॉर्निंग सिकनेस आदि।