क्या आप जानते हैं प्रेग्नेंसी के प्रारंभिक लक्षण - Kya Aap Jante Hain Pregnancy Ke Prarambhik Lakshan

क्या आप जानते हैं प्रेग्नेंसी के प्रारंभिक लक्षण - Kya Aap Jante Hain Pregnancy Ke Prarambhik Lakshan

विवाहित महिलाओं के लिए शुरुआती प्रेग्नेंसी को समझना कई बार बेहद मुश्किल होता है। प्रेगनेंसी अगर पहली बार हो तो यह और अधिक मुश्किल हो जाता है। अगर प्रेग्नेंसी के बारें में शुरुआती दौर में ना पता चले तो कुछ असावधानियों के कारण हानिकारक समस्याएं हो सकती है। आइये जानें कुछ ऐसे लक्षणों (Early Symptoms of Pregnancy) के बारें में जिनके नजर आने पर महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए और अपना अधिक ख्याल रहना चाहिए:

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण - Symptoms of Pregnancy in Hindi

1. पीरियड्स मिस होना :

पीरियड्स मिस होना प्रेगनेंसी का बड़ा लक्षण माना जाता है। आमतौर पर प्रेगनेंसी (Garbhavati) के शुरुआती दिनों में पीरियड्स भी रुक जाते हैं। लेकिन इसे पूरी तरह से प्रेगनेंसी का लक्षण नहीं माना जाता है। कई अन्य कारणों से भी पीरियड्स रुकते हैं।

2. बार-बार पेशाब आना :

इसे भी एक बड़े लक्षण के तौर पर देखा जाता है। अगर अचानक बार-बार टॉयलेट आए तो प्रेगनेंसी टेस्ट कराना चाहिए।

3. बीपी बढ़ना या घटना :

काएक ब्लड प्रेशर घटना या बढ़ना भी प्रेगनेंसी का संकेत होता है। 

4. हल्की ब्लीडिंग और शरीर में ऐंठन :

प्रेगनेंसी के पहले कुछ दिनों में हल्की ब्लीडिंग होना या शरीर में ऐंठन यानि क्रैम्प पड़ना सामान्य बात है। उल्टियां या जी मचलाने जैसे लक्षणों को भी प्रेगनेंसी का मुख्य लक्षण माना जाता है। 

5. पांव में सूजन :

पांवों में सूजन या उनमें भारीपन आने को भी प्रेगनेंसी का ही एक लक्षण माना जाता है। दरअसल इस दौरान शरीर में फ्लूड का अत्यधिक मात्रा में सर्कुलेशन होता है।

6. सांस फूलना :

प्रेगनेंसी के दौरान सांस फूलना सामान्य बात है। अगर आपको एकदम से सांस फूलने की समस्या हो तो सावधानी बरतनी चाहिए और प्रेगनेंसी से जुड़े अन्य लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। 

ऐसे लक्षण दिखने के बाद क्या करें?

ऐसे लक्षण देखने के बाद खुद का अधिक ख्याल रखना चाहिए और जल्द से जल्द प्रेगनेंसी टेस्ट कराना चाहिए। अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज करेंगे तो हो सकता है कि कुछ समस्याएं सामने आ जाएं। घर पर या क्लिनिक में जाकर टेस्ट कराने से मन से सभी शंकाएं खत्म हो जाती हैं। प्रेगनेंसी के प्राथमिक लक्षण दिखने के बाद और इसकी पुष्टि होने के बाद आयरन की गोलियों का सेवन शुरु करना चाहिए। प्रेगनेंट होने के बाद या गर्भधारण करने की कोशिश के समय शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

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