गर्भावस्था के 4-6 महीनों के बीच क्या खाएं - Garbhavastha Mein 4-6 mahino ke beech kya khaye

गर्भावस्था के 4-6 महीनों के बीच क्या खाएं - Garbhavastha Mein 4-6 mahino ke beech kya khaye

सेलिब्रेट करने का एक और बहाना आपके पास है क्योंकि आपका दूसरा सेमेस्टर शुरू हो चुका है। इस सेमेस्टर यानी कि चौथे महीने से छठे महीने तक के सेमेस्टर को प्रेगनेंसी हनीमून पीरियड (Pregnancy Honeymoon Period) भी कहा जाता है क्योंकि इस सेमेस्टर तक आते आते जी मिचलाना, उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याएं लगभग ख़त्म हो जाती हैं।

चौथे से छठे महीनों में आप ज्यादा एनर्जेटिक और एक्टिव फील करती हैं। यही महीने होते हैं जबकि आप अपने बच्चे की मूवमेंट फील करना भी शुरू करती हैं। ऐसे में आपको हाई फाइबर डाइट (High Fiber Diet) की बहुत जरुरत पड़ती है। जरूरी और हेल्थी फैट के साथ ही कैल्शियम और आयरन की मात्रा भी बढ़ाई जाती है।

दूसरे तीन महीनों के दौरान क्या खाएं - What to Eat in Second Trimester of Pregnancy

  • एक दिन दिन की खुराक का कम से कम 5वां हिस्सा फल और सब्जियां होने चाहिए, जिनमे ब्रॉक्ली, पालक और बंद गोभी आदि शामिल हों। इससे आपकी फोलिक एसिड और आयरन की कमी पूरी होगी।
  • स्टार्च व्होलग्रेन कार्बोहायड्रेट की मात्रा बढ़ाये जिसमें आलू, दालें, चावल और व्हीट शामिल हो।
  • दिन में 2 से 3 बार लो फैट डेरी प्रोडक्ट खायें जिसमें दूध, दही और पनीर हो। इससे कैल्शियम की कमी पूरी होगी।
  • इस ट्राइमेस्टर में हफ्ते में एक बार ऑयली फिश खाएं लेकिन बस एक ही बार। इससे आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड मिलेगा।

प्रेगनेंसी में क्या खाएं - Foods During Second Trimester in Pregnancy in Hindi

अंडा - Egg

अंडे के पीले हिस्से में कोलीन (Colleen) होता है जो कि बच्चे के दिमागी विकास के लिए जरूरी तत्व है। गर्भवती महिला को प्रतिदिन 450 मिलीग्राम कोलिन की जरूरत होती है। अगर आप शाकाहारी हैं तो सोया बीन और दूध का इस्तेमाल बढ़ाएं।

एवोकैडो - Avocado

एवोकैडो फाइबर का अच्छा स्त्रोत है। इसमें विटामिन के, फोलेट, विटामिन सी, पोटैशियम और विटामिन बी6 मिलता है। यह बच्चे के दिमाग और टिश्यू के विकास के लिए बेहद जरूरी है।

दही - Curd

बच्चे की हड्डियों और दांतो के बेहतर विकास और मजबूती के लिए दही का सेवन भी जरूर करें।

बिलकुल ना खाएं - Food to Avoid in Pregnancy in Hindi

  • समुद्री भोजन में मक्र्युरी उच्च मात्रा (High Mercury) में होती है इसलिए समुद्री भोजन ना करें।
  • कच्चे और अधपके मांस और अंडे का सेवन बिलकुल ना करें। इससे बैक्टीरिअल इन्फेक्शन (Bacterial Infection) फैलने का खतरा रहता है।
  • बिना धुले फल और सब्जियों का सेवन ना करें इनमें भी कई नुकसानदायक बैक्टीरिया होते हैं।
  • ज्यादा मात्रा में कैफीन वाले पेय पदार्थों का सेवन ना करें जैसे चाय, कॉफ़ी या एनर्जी ड्रिंक। यह प्लेसेंटा में घुसकर बच्चे की ह्रदय गति को प्रभावित करते हैं।

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