बच्चों को कब और कैसे देनी चाहिए पॉटी ट्रेनिंग

बच्चों को कब और कैसे देनी चाहिए पॉटी ट्रेनिंग

जब बात पॉटी ट्रेनिंग की आती है और कब इस प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए सबसे बड़ा सवाल एक माँ के मन में रहता है। कई माता पिता ये सोचते हैं कि जब तक उनका बच्चा इस तरह के लक्षण न दिखाएं तब तक हमे इंतजार करना चाहिए, बजाए परिवार वालो या दोस्तों की सुनकर उनके ऊपर दबाव डालने के। एक सही उम्र तक पॉटी ट्रेनिंग के लिए कभी भी बच्चे पर दबाव न डालें। आइये आपको इस लेख में हम बताते हैं बच्चों को कब और कैसे देनी चाहिए पॉटी ट्रेनिंग –

बच्चे की पॉटी ट्रेनिंग कब शुरू करनी चाहिए?

बच्चे की पॉटी ट्रेनिंग देने के लिए सही समय के बारे में जरूर जानें। पॉटी ट्रेनिंग के लिए बच्चे लगभग 18 महीने से 24 महीने के बीच तैयार होने लगते हैं। इस उम्र में आने के बाद वो खुद भी आपको संकेत दे सकते हैं कि अब उनके डाइपर के बदलने का समय आ गया है। अगर आप भी अपने बच्चे की पॉटी ट्रेनिंग शुरू करना चाहते हैं तो 1.8 वर्ष से 2 साल के बीच शुरू करें।

बच्चे को कैसे देनी चाहिए ट्रेनिंग?

इस ट्रेनिंग में बच्चे को पहले टॉयलेट से जुड़े शब्दों के बारे में समझाएं। उनके सामने वो शब्द बार-बार दोहराएं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें बच्चा इन प्रक्रियाओं को एक या दो दिन में नहीं सीख सकता। उसे ये सब सीखने के लिए समय दें। आप बच्चों को नीचे लिखे हुए प्रकरों से ट्रेनिंग दे सकते हैं –

  • सबसे पहले डायपर से स्टूल (मल) निकालें और उनके सामने पॉटी चेयर पर रखें। इससे उन्हें समझ आएगा कि उन्हें अब पॉटी करनी है।

  • बच्चे के बड़े भाई बहन को भी बोलेन कि उसे पॉटी करने की ट्रेनिंग दें। बच्चे को भी उनसे सीखने दें।

  • जब आप पॉटी चेयर की मदद से स्टूल को टॉयलेट में डालते हैं, तो उन्हें वो प्रक्रिया देखने दें।

  • फिर उन्ही के सामने फ्लश करें और फिर ये भी देखें कि आपके सामने वो फिर से फ्लश करते हैं या नहीं।

  • जब आपका बच्चा आपको टॉयलेट इस्तेमाल करने के संकेत दें तो इन बातों पर ध्यान रखें। उसे फिर जल्दी से टॉयलेट की तरफ लेकर जाएँ।

  • बच्चे की पॉटी करने से पहले पैंट कैसे नीचे करते हैं, सिखाएं।

  • फिर पॉटी सीट पर बिठाने से लेकर पॉटी करने तक उनके साथ खड़े रहें।

  • अगर बच्चा कोई प्रक्रिया गलत करें तो उसे ऐसा करने से मना करें।

  • बच्चा जब पॉटी कर लें तो उसे कैसे साफ़ करना है, वो तरीका अपने बच्चे को सिखाएं।

  • इसके बाद ध्यान रखें कि बच्चा पॉटी शौच के बाच अपने हाथों को अच्छे से धोए।

  • बच्चे को जोर देकर या डांटकर पॉटी करने के लिए न बोले।

इस तरह आपका बच्चा बिना आपकी मदद के पॉटी करना सीख जाएगा और टॉयलेट का इस्तेमाल भी कर सकेगा।

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