मधुमेह यानि डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी इन दिनों सामान्य हो चली है। शरीर में इंसुलिन की कमी होने लगे या इस हार्मोन के बनने में अनियमितता हो तो व्यक्ति को डायबिटीज होती है। इंसुलिन ठीक प्रकार से नहीं बनने के कारण हृदय, किडनी, उच्च रक्तचाप और आंखों की समस्या होती हैं। इससे पूर्ण रूप से छुटकारा पाने में योग पूर्ण रूप से सहायक है।
मेडिकल साइंस ने भी इसकी पुष्टि की है कि योग के बेहद फायदे हैं। कुछ योग आसनों (Yoga poses) के प्रभाव से पैनिक्रियाज के बीटा सेल्स (Beta Cells) तक रक्त प्रवाह बढ़ जाता है, कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है, और मृतपाय: बीटासेल्स में नयी ऊर्जा आती है ताकि वहां से ज्यादा इंसुलिन स्त्रावित हो सके। योग के आसनों से इंसुलिन की संवेदनशीलता भी बढ़ जाती है।
रोजमर्रा की जिंदगी में योग को अपनाया जाए तो ब्लड में शुगर की मात्रा कम हो जाती है जिससे डायबिटीज से छुटकारा मिल सकता है। इसके साथ ही निम्न रक्तचाप और वेट कंट्रोल करने में भी सहायता मिलती है। टेंशन या स्ट्रेस (Tension or Stress) डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है। आइए जानते हैं योग के कुछ आसन के बारे में, जिनसे डायबिटीज में तो फायदा होता ही है साथ ही कुछ अन्य बीमारियों में भी आराम मिलता है।
1. प्राणायाम - Pranayama
धीरे धीरे सांस लेना और छोड़ना, इससे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा जाती है जिससे रक्त संचार (Blood Circulation) सुधरता है। इसके अलावा थका मस्तिष्क भी सुचारू रूप से कार्य करने लगता है।
2. सेतुबंधासन - Setu Bandhasana
इससे न केवल ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है बल्कि मस्तिष्क शांत रहता है और पाचन शक्ति सुचारू होती है। महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति में भी आराम मिलता है।
नोट- गर्दन या कमर में इंजरी हो तो न करें
3. बालासन - Balasana
बच्चों के बैठने की अवस्था जैसा लगने वाला यह योग स्ट्रेस बूस्टर है। इससे जांघ और घुटनों आदि में खिंचाव होता है जो स्ट्रेस को कम करता है साथ ही कमर के नीचे के हिस्से में होने वाले दर्द के लिए भी रामबाण है।
नोट- यदि आप प्रेग्नेंट हैं, घुटने में कोई इंजरी है या डायरिया है तो इसे न करें।
4. वज्रासन - Vajrasana
इस योगासन द्वारा भी टेंशन को कम किया जाता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है।
5. सर्वांगासन - Sarvangasana
इस योगासन के द्वारा थायराइड ग्लैंड सुचारू काम करते हैं। यह ग्लैंड ही पूरे शरीर के सुचारू रूप से काम करने, पाचन, नर्वस रिप्रोडक्टिव सिस्टम, मेटाबॉलिज्म तथा रेस्पोरेटिव सिस्टम के ठीक ढंग से काम करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
नोट- गर्दन या स्पाइनल इंजरी होने की स्थिति में इसे न करें। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तब भी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
6. हलासन - Halasana
जो लोग लंबे समय तक दफ्तरों में बैठ कर काम करते हैं और बैठने या चलने का पोश्चर बिगड़ गया है ऐसे लोगों के लिए यह आसन है। यह थायराइड ग्लैंड, पैराथायराइड ग्लैंड, एबडोमिनल ऑर्गन आदि में रक्त संचार को दुरूस्त रखता है।
नोट- यदि आप हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं या आपको डायरिया और पीरियड चल रहे हैं तो इस आसन को न करें
7. धनुरासन - Dhanurasana
यह आसन कमर को मजबूत बनाता है। स्ट्रेस को कम करता है तथा माहवारी के दर्द को भी कम करता है।
नोट- यदि हाई या लो ब्लड प्रेशर है तो इस आसन को न करें। इसके अलावा माइग्रेन, हर्निया, गर्दन में चोट, सिर दर्द, या कोई पेट संबंधी सर्जरी हुई है तब भी इसे न करें
8. चक्रासन - Chakrasana
स्पाइन को स्ट्रेच करने और मसल्स को आराम देने के लिए सर्वोत्तम आसन है। इसके अलावा मस्तिष्क को भी रिलेक्स करता है।
नोट- कोई स्पाइनल इंजरी हो ता न करें
9. पश्चिमोत्सासन - Paschimottanasana
इस योगासन से रक्त चेहरे की तरफ बहता है। इसके साथ ही पेट की सभी क्रियाओं को सुचारू करता है। जांघों की मसल्स को मजबूत करता है तथा बाँहों और कमर में आराम मिलता है।
नोट- कमर दर्द या स्पाइनल समस्या हो तो इसे न करें
10. अर्धमतस्येन्द्रासन - Ardha Matsyendrasana
फेफड़ों के काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही कमर को भी आराम मिलता है।
नोट- कोई बैक इंजरी हो तो इसे न करें
ध्यान रखें-
1- हमेशा खाली पेट योग करें
2- यदि शाम में आसन या प्राणायाम करना हो तो करीब 4 घंटे पहले से कुछ न खाएं
3- ढीले, हल्के व आरामदायक कपड़े पहनें
4- वायु यदि दूषित हो तो आसन न करें
यूं मिलेगा योग का पूरा लाभ-
- सही ढ़ंग और मुद्रा का रखें ध्यान
- पर्याप्त समय तक करें
- ध्यान एवं मंत्रों के साथ पॉजिटिव सोच से किया गया योगासन ज्यादा लाभकारी होता है
इन्हें भी आजमाएं-
मधुमेह बचाव के लिए विशिष्ट योग और उन्हें करने की अवधि