आयुर्वेदिक तरीके से वजन घटाना सबसे सुरक्षित माना जाता है। जिसका सबसे बड़ा फायदा है इसका कोई भी दुष्प्रभाव न होना। भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में न तो किसी के पास व्यायाम करने का वक़्त है और न ही अपने ऊपर समय देने का, इसीलिए वे जल्दी और कम मेहनत के तरीकों की तरफ आकर्षित होते हैं। आयुर्वेद उन तरीकों में शामिल है जो आपको एक हेल्थी लाइफ देता है और इसके प्रभाव लम्बे समय तक आपके साथ रहते हैं। तो जानिए आयुर्वेद के कुछ आसान और कारगार उपाय वजन घटाने (Ayurvedic Weight Loss Tips in Hindi) के:
1. बढ़ाएं पाचन शक्ति - Increase digestion
आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन से कम और अधिक वजन की समस्या उत्पन्न होती है। अपने खाने में उन पदार्थों को शामिल करें जिनसे पाचन शक्ति में वृद्धि होती है जैसे अदरक, पपीता, आम, अनानास, और कड़वे तरबूज।
2. आहार करें नियमित - Control Diet
नियमित आहार और संतुलित जीवन शैली को अपनाएँ। पाचन में सुधार करने के लिए पूरे दिन गर्म पियें, प्रतिदिन 2-3 बार अदरक की चाय और सप्ताह में एक दिन उपवास रखें।
3. काम के हैं ये मसाले - Useful Spices
जड़ीबूटियों और मसालों का उपयोग जैसे जीरा, सरसों के बीज, लाल मिर्च और कालीमिर्च को अपने आहार में शामिल करें। नियमित रूप से व्यायाम, योग, ध्यान, और प्राणायाम अथवा श्वासव्यायाम जरूर करें।
4. करें आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों का इस्तेमाल - Use Ayurvedic Herbs
पाउडर या कैप्सूल के रूप में, गोटु कोला, आंवला और शिलाजीत जैसी जड़ीबूटी लें। दिन में दो से तीन बार, अदरक और शहद के साथ एक चम्मच गुग्गल लें। बराबर भागों में चित्रक, कुटकी और त्रिकटु मिक्स करें, रोजाना गर्म पानी के साथ आधा चम्मच लें।
सामग्री-
शुद्ध शिलाजीत, सूखी मेथी, दारुहल्दी, करंजी, आंवला, गिलोय, कुटकी, बहेड़ा, हल्दी, बबूल, कालीजीरी, मंजीठ, चिरायता, द्रोणपुष्पी, पंवार, भूमि आंवला, हरड़, गुग्गल, बबूल गोंद, बाकुची
कैसे बनाये-
2 महीने का काढ़ा बनाने के लिए इन सभी सामग्री को 60-60 ग्राम मिला लें और आधा चम्मच 2 गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक एक गिलास न रह जाये। रोज सुबह-शाम खाली पेट ठंडा करके छानकर पियें।
नोट- किसी भी उपाय को करने से पहले एक पेशेवर आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।