उम्र बढ़ने के साथ हमारे शरीर में अनेक बदलाव आते हैं, विशेषकर महिलाओं में और उसी प्रकार उनकी स्वास्थ्य के प्रति ज़रुरतें बदलती रहती हैं चाहे वह उपचार से संबंधित हों या रोकथाम से।
उम्र के हर दशक में महिलाओं के शरीर में कुछ बदलाव होते हैं और इस दौरान उन्हें कुछ टेस्ट जरूर कराने चाहिए। आइए जानें महिलाओं के लिए जरूरी ऐसे ही कुछ टेस्ट के बारे में-
इस उम्र में हर लड़की को हर दो वर्ष में एक बार विस्तृत मेडिकल चेकअप (Medical Check-up) करवाना चाहिए जिसमें उसकी और उसके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री (Medical History) के बारे में विस्तार से डॉक्टर से चर्चा होनी चाहिए।
पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा - Pap test and Pelvic exam
इस उम्र की हर लड़की को 18 साल से या वह जब भी यौन क्रिया में सक्रिय (Sexually Active) होती है।
Human papillomavirus - HPV
पॅपिलोमावाइरस (Papillomavirus) से सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए साल में तीन बार (पहले महीने, तीसरे महीने, और छठे महीने) टीकाकरण करवाने से सर्वाइकल कैंसर के खतरे से पूरे साल सुरक्षित रह सकते हैं।
स्तनों की जांच - Breast exam
इस उम्र में स्तन कैंसर होने के अवसर बहुत कम होते हैं लेकिन अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है तो जांच जरूर करा लेनी चाहिए।
त्वचा की जांच - Skin Check
त्वचा का कैंसर किसी को भी कभी भी हो सकता है। हम स्वयं भी ABCDE नियम के अनुसार अपनी त्वचा की जांच कर सकते हैं। ABCDE नियम का मतलब है Asymmetry (असममिति), Border (किनारे), Color (रंग), Diameter (व्यास), and Evolving (कुछ नया उभारना) अगर इसमें कुछ भी असामान्य लगे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
डेंटल चेक अप - Dental Check-ups
नियमित तौर पर दंत चिकित्सक से अपने दाँतो और मसूड़ों की जांच करवाए
आँखों की जांच - Eye exams
नियमित तौर पर आँखों के चिकित्सक से अपनी आँखों की जांच करवाएं।
रक्त चाप एवं कोलेस्ट्रॉल - BP and Cholesterol
नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच से लाइफस्टाइल संबंधी कई रोगों के बारे में हमें समय रहते पता चल जाता है और हम उसके अनुरूप उचित उपाय कर सकते हैं।
ऊपर बताये गए टेस्ट के अलावा निम्न टेस्ट पर भी ध्यान दें।
एड्स टैस्ट - AIDS test
साल में एक बार अवश्य करवाएं।
क्लैमाइडिया - Chlamydia
यह एक वैक्टीरियल संक्रमण है और एक सबसे ज्यादा पाया जाने वाला यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease) है। इसका इलाज पूरी तरह से सम्भव है लेकिन इलाज़ न करवाने पर इससे बच्चा पैदा करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा - Pap test and Pelvic exam
इस उम्र तक आते आते यह टेस्ट तो महिलाओं के लिए एक वार्षिक फीचर होना चाहिए।
स्तनों की जांच - Breast exam
स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जब आप पैप परीक्षण और श्रोणि परीक्षा के लिए जाते हैं तो आप अपने स्तनों की जांच भी करवा सकते हैं या आप खुद भी जांच कर सकते हैं कि कुछ असामान्य तो नहीं है।
मैमोग्राम्स - Mammograms
चालीस वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए दो वर्ष में एक बार मैमोग्राम्स अनिवार्य है।
पैप स्मीयर - Pap smears
अगर तीन बार नॉर्मल या नकारात्मक परिणाम आने के बाद आपको हर तीन साल में यह टेस्ट करवाना चहिये।
खून में शुगर की मात्रा - Diabetes Screening
अमूमन 40 पार करते ही हमें कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान देना शुरू करना चाहिए जैसे खून में शुगर की मात्रा (Diabetes screening)। 45 साल की उम्र से ही हमें हर तीसरे वर्ष यह जांच अवश्य करवानी चाहिए।
रक्तचाप - Blood Pressure
यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है जिसको हमें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। अगर हमारा रक्तचाप 130/80 से बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे जाता है तो सावधान हो जाना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल परीक्षण - Cholesterol Testing
45 वर्ष से अधिक उर्म की महिलाओं को अपना कोलेस्ट्रॉल प्रति वर्ष चैक करवाना चाहिए।