इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी - Electrocardiogram Ya Ecg in Hindi

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी - Electrocardiogram Ya Ecg in Hindi

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम यानि ईसीजी के द्वारा दिल की घड़कनों और उससे निकलने वाली विद्युत तरंगों के द्वारा दिल की बीमारी का पता लगाया जाता है।

ईसीजी जांच (ECG) में दिल की धड़कन को विद्युत तरंगों के रूप में देखा जाता है। यह एक सामान्य और सुरक्षित जांच है, जो जांच केंद्र, अस्पताल, प्रयोगशाला पर भी की जा सकती है। आधुनिक तकनीक से की जानी वाली यह जांच इतनी कुशल है कि इसका परिणाम तुरंत ही मिल जाता है।

ईसीजी या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम परीक्षण में दिल से जुड़े अंगों और रोगों का निदान किया जाता है। दिल की सरंचना बेहद जटिल होती है। यह एक मांसपेशीय पंप की तरह है जो चार कक्षों से बना होता है, जिनमें से ऊपर के दोन पंपों को परिकोष्ठ (Atria) और निचले दो पंपों को निलय (Ventricle) कहा जाता है।

ईसीजी मशीन सामान्य तौर पर, दिल की धडकनों व परिणाम को तरंगों की भाषा में एक विशेष कागज (ग्राफ पेपर) पर दर्शाता है। यह ग्राफ पेपर लगभग 1 मिमी वर्ग मीटर का लाल या हरे रंग में होता है, जो क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर दिशाओं में 5- 5 मिमी पर विभाजित है। ईसीजी जांच के दौरान विवरण निश्चित करने के लिए, पेपर की गति 25 मिमी/सेकंड की जाती है। ग्राफ पेपर के पांच छोटे ब्लॉक मिलकर एक बड़ा ब्लॉक बनाते है, जो 200 मिलीसेकंड की गति में परिवर्तित होता है। 

क्यों करवाएं इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच - Why Electrocardiogram Is Done

  • ईसीजी यानि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG), मुख्य रूप से दिल धड़कन के दौरान दिल की मांशपेशियों के पंप के समय त्वचा पर छोटे- छोटे बदलावों का पता लगाकर उसका विस्तार करता है। यह जांच दिल की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
  • इसके माध्यम से दिल की विद्युतीय गतिविधि की जांच की जाती है।
  • सीने में दर्द या दबाव होने पर ईसीजी की जांच की जाती है, क्योंकि यह लक्षण या कारण दिल के दौरे, सूजन, आदि के हो सकते हैं।
  • दिल से जुड़ी बीमारी, सांस की बीमारी, चक्कर आना, बेहोशी आदि में भी यह जांच की जाती है।
  • कई बार दवाइयों के असर या उनके दुष्प्रभाव को मापने के लिए भी ईसीजी की जाती है।
  • ईसीजी निदान का सबसे प्रमुख कारण रोगों का पता करना है।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के लिए तैयारी - How To Prepare for Electrocardiogram

यदि कोई रोगी किसी तरह की दवा का सेवन कर रहा है तो यह बात अपने डॉक्टर या जांचकर्ता को जरूर बताएं क्योंकि कई बार दवाइयों के प्रभाव से जांच के परिणाम में बदलाव आ सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए आपका डॉक्टर कुछ समय के लिए दवाओं का परहेज करने के लिए कह सकता है।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जांच से पहले अपने सारे शरीर से सारे गहने, घड़ी व अन्य उपकरण उतार जाना चाहिए क्योंकि धातु और मशीन का संपर्क होने से कुशल परिणाम नहीं मिल सकता। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जांच की प्रक्रिया - How Electrocardiogram Is Done

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम या ईसीजी निरीक्षण डॉक्टर के ऑफिस, अस्पताल, या जांच केंद्र में किया जा सकता है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जांच की प्रक्रिया निम्न है:

  • सबसे पहले आपको बेड पर लिटाकर प्रभावित अंग से कपड़े हटाने को कहा जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि प्रभावित अंग साफ होना चाहिए, कुछ खास अंगों जैसे हाथ या पांव का ईसीजी कराते समय यहां कोई बाल नहीं होना चाहिए ताकि जांच के दौरान तारों के छोर को आसानी से चिपकाया जा सके।
  • तारों के छोर को हाथ, छाती, पैर आदि पर एक जेल की मदद से चिपकाया जाता है, जो एक मशीन से जुड़े रहते हैं।
  • कई बार कुछ पुरानी मशीन से यह जांच की जाती है। इस प्रकार की जांच के दौरान तारों का हेर फेर भी किया जाता है।
  • जांच के दौरान शांत होकर सामान्य रूप से सांस ली जानी चाहिए, ताकि जांच का परिणाम सही आ सके। इसके अलावा जांच के दौरान आपको सांस रोकने के लिए भी कहा जाता है।
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जांच करवाते समय बात न करें।
  • जांच के बाद सभी चिपकाई हुई तारों को निकाला जाता है।
  • इस पूरी प्रक्रिया में 5 से 10 मिनट का समय लगता है। 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के जोखिम - Risks of Electrocardiogram

ईसीजी एक पूर्णत: सुरक्षित जांच प्रकिया है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। कई बार रोगी ईसीजी के समय लगाई जाने वाली तारों से डरते हैं, लेकिन ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। इन तारों में किसी भी तरह के करेंट का खतरा नहीं होता। हाँ तारों को चिपकाए गए अंग में कुछ निशान जरूर बन जाते है, लेकिन कुछ ही देर में वो निशान भी चले जाते हैं।

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