फ्लू (इन्फ्लूएंजा) - Swine Flu (Influenza) in Hindi

फ्लू (इन्फ्लूएंजा) - Swine Flu (Influenza) in Hindi

स्वाइन फ्लू या H1N1 (H1N1 Flu) एक संक्रमण है, जो इन्फ्लूएंजा ए वायरस (Influenza Virus​) के कारण होता है। आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में होती है, इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है, लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह मनुष्य में भी फैल जाती है। यह बहुत जल्दी फैलने वाला रोग है। इससे बचने के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए। 

भारत में स्वाइन फ्लू - Swine Flu in India in Hindi

स्वाइन फ्लू वर्ष 2009 में भी फैला था जिसके कारण देश भर कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि, वर्ष 2015 में फैल रहा स्वाइन फ्लू का वायरस पिछली बार की तुलना में कम घातक है। स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित मरीज में लक्षण नजर आने से लेकर अगले सात दिनों तक इसका संक्रमण बना रहता है। साथ ही इससे जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि स्वाइन फ्लू सर्दियों में अधिक प्रभावी होता है। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण - Swine flu Symptoms in Hindi

  • H1N1 के रोगियों को बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।
  • H1N1 में पीड़ित व्यक्ति मांसपेशियां में दर्द, अकड़न और पीड़ाओं की तीव्रता बहुत अधिक महसूस करता है।
  • H1N1 से पीड़ित 80% रोगियों को ठंड बहुत लगती है।
  • H1N1 से पीड़ित व्यक्ति सूखी खांसी, बहती नाक से परेशान रहता है।
  • लगभग 80% H1N1 मामलों में रोगी बुखार से तपता रहता है। बुखार में शरीर का तापमान 101 डिग्री तक पहुंच जाता है। दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ता है।
  • लगातार सर में दर्द होना H1N1 का एक आम लक्षण है तथा यह लक्षण 80% मरीजों में मौजूद होता है।

स्वाइन फ्लू के कारण - Swine flu Causes in Hindi

माना जाता है कि स्वाइन फ्लू अधिकतर सूअरों के करीब रहने वाले लोगों में तेजी से फैलता है। हालांकि कई अन्य कारक भी है जो स्वाइन फ्लू के लिए जिम्मेदार हैं लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण कारण है सूअरों का संपर्क। कुछ अन्य कारक निम्न हैं: 

  • संक्रमित सूअरों के साथ रहने वाले व्यक्ति स्वाइन फ्लू की चपेट में आ सकते हैं तथा आगे चलकर वे व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
  • बीमारी के होने का खतरा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में अधिक रहता है। जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे भी स्वाइन फ्लू का शिकार हो सकते हैं।
  • यहां यह ध्यान रखने वाली बात है कि सही तरह से पके हुए रेड मीट से स्वाइन फ्लू नहीं होता लेकिन अगर पकाने में असावधानी बरती जाए तो कुछ समस्याएं अवश्य आ सकती हैं। 

स्वाइन फ्लू का इलाज - Swine flu Treatment in Hindi

स्वाइन से बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है इससे बचकर रहना। संक्रमित रोगी से दूर रहकर इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। कुच अन्य उपाय निम्न हैं: 

  • संक्रमित लोगों से दूर रहना ही इस बीमारी का बचाव है। 
  • साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। 
  • खांसते या छींकते समय रुमाल का प्रयोग करें। 
  • गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह छूने से बचें और बाहर खाने से परहेज करें। 
  • बीमार लोगों से नज़दीकी संपर्क रखने से बचें
  • अस्पताल या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर जाने से पहले मास्क पहनें। 
  • संक्रमित व्यक्ति के पास जाना अगर जरूरी हो तो मास्क के साथ-साथ दस्ताने भी पहनें। इससे आप बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं।
  • स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भारत में स्वाइन फ्लू वैक्सीन मौजूद है। स्वाइन फ्लू की वैक्सीन एक साल तक इस बीमारी से आपकी रक्षा करती है।
  • स्वाइन फ्लू के लक्षण नज़र आने पर मरीज को तुरन्त अस्पताल में भर्ती करा दें ताकि उसका सही इलाज हो सके।
  • यदि आप इन्फ़्लुएन्ज़ा से पीड़ित हों तो आप अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए उनसे दूर रहें।
  • संक्रमित लोगों के संपर्क में रहने से आप बार-बार इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं। 

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