प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होता है। ये कैंसर शुरूआती दौर में पता चल जाए, तो आसानी से ठीक किया जा सकता है।
दरअसल प्रोस्टेट एक ग्रंथि है। ये वो द्रव्य (Fluid) बनाती है, जिसमें शुक्राणु (Sperm) होते हैं। प्रोस्टेट मूत्राशय के नीचे स्थित होता है, जिसका आकार अखरोट जैसा होता है। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन आजकल की दिनचर्या के कारण यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है।
प्रोस्टेट की समस्या तकलीफ़देह तो होती ही है, लेकिन अगर थोड़ी सी भी कोताही बरती जाए तो कैंसर (Prostate Cancer) में परिवर्तित होकर जानलेवा भी साबित हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि समय रहते इसकी उचित पहचान और चिकित्सा कराई जाए। दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के बाद होने वाली दूसरी बड़ी बीमारी प्रोस्टेट कैंसर है।
1. बढ़ती उम्र: प्रोस्टेट कैंसर 40 की उम्र के बाद सबसे ज्यादा होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने लगता है, जो कैंसर होने की संभावना को बढ़ाता है। 50 साल की उम्र पार कर रहे लोगों में यह बहुत तेजी से फैलता है। प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के हर 3 में से 2 मरीजों की उम्र 65 या उससे ज्यादा होती है।
2. आनुवांशिक बीमारी: प्रोस्टेट कैंसर आनुवंशिक भी होता है। घर में अगर किसी भी व्यक्ति या रिश्तेदार को प्रोस्टेट कैंसर होता है तो बच्चों में इसकी होने की संभावना ज्यादा होती है।
3. खानपान: आधुनिक जीवनशैली में खान-पान भी प्रोस्टेट कैंसर के फैलने का प्रमुख कारण बन गया है। जो आदमी लाल मांस (रेड मीट) या फिर ज्यादा वसायुक्त डेयरी उत्पादों का प्रयोग करते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है। जंक फूड का सेवन भी प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना को बढ़ाता है।
4. धूम्रपान : धूम्रपान करने से मुॅंह और फेफड़े का कैंसर तो होता है, लेकिन धूम्रपान प्रोस्टेट कैंसर को भी बढ़ाता है।