मोटापा - Obesity in Hindi

मोटापा - Obesity in Hindi

मोटापे के बारे में - About Obesity in Hindi

शरीर के अंदर असामान्य रूप से जमा वसा ही ओबेसिटी (Obesity) है। सामान्यतौर पर व्यक्ति की लंबाई के अनुपात में यदि शारीरिक वजन ज्यादा हो तो उसे मोटापा (Motapa) माना जाता है लेकिन ओबेस लोगों के शरीर पर फैट मोटे लोगों की तुलना में कहीं अधिक होता है, जो न केवल शरीर को बेडौल बनाता है बल्कि कई तरह की अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण भी बनता है।

ओबेसिटी में शरीर का बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index- BMI) 30 या उससे भी अधिक हो जाता है। शरीर की यह स्थिति चिंताजनक होती है क्योंकि इतना मोटापा अन्य बिमारियों जैसे - डायबिटीज, तनाव (stress), हृदय संबंधी (heart disease) परेशानियां आदि) का कारण भी बनने लगता है।

मोटापा कैसे मापें - How to measure Obesity in Hindi

वजन केवल सामान्य से ज्यादा है यानि आप केवल मोटे हैं या आपका मोटापा खतरे की घंटी के नजदीक पहुंच चुका है यह जानने के लिए शरीर का बॉडी मास इंडेक्स जानना जरूरी है। बीएमआई कैलकुलेट करने के लिए व्यक्ति का वजन (किलोग्राम में) को व्यक्ति की लंबाई (मीटर स्क्वायर में) से भाग देते हैं। यदि भागफल 30 या उससे अधिक आता है तो व्यक्ति को ओबेस माना जाता है।

मोटापा के कारण - Obesity Causes in Hindi

बहुत से ऐसे कारण होते हैं जो कि प्रत्यक्ष (directly) या अप्रत्यक्ष (indirectly) रूप से ओबेसिटी की वजह होते हैं। व्यवहार या रहन-सहन, आस-पास का माहौल और कई दफा जेनेटिक कारणों से व्यक्ति ओबेस हो सकता है। 

1. रहन-सहन - Lifestyle :

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग आसानी से अस्वस्थ लाइफ स्टाइल को अपना लेते हैं। न खान-पान पर ही ध्यान दे पाते हैं और न ही शारीरिक मेहनत ही कोई रह गई है, ऐसे में मोटापा आसानी से लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है।

लोगों के खाने में फास्ट फूड बढ़ा है जो कि ज्यादातर मैदा और तरह तरह के रिफाइनरी तेलों से बना होता है, इस तरह लोग ज्यादा कैलोरी कंज्यूम करते हैं लेकिन इसके उलट शारीरिक मेहनत उतनी नही रह गई है जिसके कारण भी शरीर में वसा जमा होने लगती है और व्यक्ति ओबेस हो जाता है।

2. वातावरण या माहौल - Environment :

माहौल या आसापास के वातावरण का भी शरीर के स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। अब पहले की तरह सीढ़ियां चढ़ना, उतरना, पैदल चलना आदि नहीं रह गया। अब लोग छोटी से छोटी दूरी भी कार और बाइक से तय करना चाहते हैं। एक फ्लोर चढ़ने के लिए भी लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं।

इसके अलावा ताजा खाना खाने की परंपरा भी कम होती जा रही है। डिब्बा बंद खाना या फ्रिज में रखा हुआ खाना, खाने की आदतें भी शरीर पर अच्छा प्रभाव नहीं डालतीं।

3. जेनेटिक कारण - Genetic Reason :

विज्ञान कहता है कि कुछ जेनेटिक कारण भी मोटापे की वजह होते हैं। जींस में कई तरह के डिस्ऑर्डर (disorder) भी ओबेसिटी को जन्म देते हैं। इसके अलावा यदि माता-पिता ओबेस हैं तो संभव है कि बच्चे भी ओबेस हो जाएं। ऐसे में शुरू से ही बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतनी चाहिए।

4. खाने पीने की आदतें : Eating and Drinking Habit :

आपकी खाने पीने की आदतें भी आपके शरीर को मोटा बना सकती हैं। एक बार में बहुत सारा खाना या बिल्कुल न खाना, दोनों ही परिस्थितियां शरीर के लिए ठीक नहीं। कई लोग मोटापे से बचने के लिए सुबह का नाश्ता नहीं करते, जबकि ऐसा करने से मोटापा और भी बढ़ता है।

मोटापा का इलाज - Obesity Treatment in Hindi

कुछ लोगों को खाने का कोई समय निर्धारित नहीं होता। असमय खाने-पीने की आदतें भी मोटापे को बढ़ाती हैं। समय से खाना और एक साथ खाने की जगह छोटे पोर्शन में कई बार खाना शरीर के लिए ज्यादा बेहतर होता है।

मोटापे से बचने के लिए टिप्स :

  • खाने में फल (fruit) और सब्जियां (vagetables) ज्यादा लें।
  • एक साथ ज्यादा खाने की जगह छोटे छोटे मील बनाकर खाएं। 
  • सेचुरेटेड फैट, ट्रांस फेट और और रिफाइंड शुगर से दूर रहें।
  • जो भी खाएं उसकी कैलोरी को नोटिस करें। 
  • रोजाना व्यायाम (exercise) जरूर करें, जॉगिंग और रनिंग को इसका हिस्सा बनाएं। 
  • तैराकी (swimming) भी मोटापे से बचने का अच्छा उपाय है। 
  • रस्सी कूदें (skip rope)। 

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