माइग्रेन सर में होने वाले सबसे तेज दर्दों में से एक है। इसकी वजह से सर और कान के पीछे के हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव होता है।
माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोवेस्कुलर विकार (Neurovascular Disorder) है जिसमें सिर में रूक-रूक कर दर्द होता है। हालांकि माइग्रेन के समय मस्तिष्क की सटीक क्रियाविधि (The Exact Mechanism) की जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है की माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है।
माइग्रेन सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex) की बढ़ी हुई उत्तेजना तथा ब्रेनस्टेम (Brainstem) के ट्राइगेमिनल न्यूक्लियस (Trigeminal Nucleus) में दर्द के न्यूरॉन्स (Pain Neurons) के असामान्य नियंत्रण से संबंधित है।
माइग्रेन का दर्द आमतौर पर सिर के एक सिरे से, या कभी-कभी बीचों बीच से या पीछे की तरफ से उठता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। कभी यह रह-रहकर कई हफ्तों या महीनों तक, या फिर सालों तक खास अंतराल में उठता है। कई बार एक ही समय में यह बार-बार हथौड़ों की लगातार चोट का एहसास कराता है।
महिलाओं में माईग्रेन की समस्या, पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। माइग्रेन आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद नहीं होता है। माइग्रेन का अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर इसकी शुरूआत किशोर उम्र से होती है।
माइग्रेन का हमला अचानक होता है। कई बार यह शुरू में हल्का होता है, लेकिन धीरे-धीरे बहुत तेज दर्द में तब्दील हो जाता है
माइग्रेन के ज्यादातर मरीज वे होते हैं, जिनके परिवार में ऐसा इतिहास रहा है। ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं।
माइग्रेन अकसर तनाव के कारण होता है। लेकिन कई अन्य वजहें भी है जिनकी वजह से माइग्रेन हो सकता है जैसे:
माइग्रेन दर्द को दूर करने के लिए बर्फ रखना सबसे उपयोगी माना जाता है लेकिन कई मामलों में डॉक्टर अन्य उपाय भी बताते हैं जो निम्न हैं: