मेनिनजाइटिस को दिमागी बुखार (Dimagi Bukhar) भी कहते हैं। यह आमतौर पर वायरस, बैक्टीरिया, कवक, परजीवी, और कुछ जीवों के संक्रमण के कारण होता है। शारीरिक दोष या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को आवर्तक बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस से जोड़ा जा सकता है।
यह एक तरह का इंफेक्शन होता है जो मष्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाले मेंब्रेन में सूजन पैदा कर देता है। अधिकांश मामलों में इसका कारण वायरस होता है। हालांकि, दिमागी बुखार के कुछ गैर-संक्रामक कारण भी मौजूद हैं।
दिमागी बुखार तीन तरह का होता है। यह तीन प्रकार निम्न हैं:
1. वायरल मेनिनजाइटिस - Viral Meningitis
वायरल मेनिनजाइटिस सबसे आम है, यह एक गंभीर संक्रमण नहीं है। यह मच्छर जनित वायरस के रूप में शरीर में पहुंचकर बुखार को कारण हो सकता है। दिमागी बुखार के इस प्रकार के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है।
2. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस - Bacterial Meningitis
आमतौर पर एक गंभीर संक्रमण है। यह बैक्टीरिया की तीन प्रकार से होता है, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, नेसेरिया मेनिनजाइटाइडिस और स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया बैक्टीरिया। स्ट्रैपटोकोकस निमोनिया के कारण दिमागी बुखार न्यूमोकोकल दिमागी बुखार के रूप में जाना जाता है, जबकि नेसेरिया मेनिनजाइटाइडिस की वजह से मेनिनजाइटिस, मेनिंगोकोक्सल मेनिन्जाइटिस के रूप में जाना जाता है।
3. फंगल मेनिनजाइटिस - Fungal Meningaitis
फंगल इंफेक्शन से मेनिनजाइटिस होने का खतरा सबसे कम होता है। यह संक्रमित व्यक्ति से दूसरे को नहीं फैलता लेकिन जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वह इससे जल्दी प्रभावित होते हैं। कैंसर तथा एचआईवी रोगियों को इसके होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
1. उल्टी
छोटे बच्चों में, निम्न लक्षणों पर गौर करना चाहिए- (symptoms in toddlers) - बहुत तेज या कराह कर रोना - तेज या असामान्य सांसे - पीला या दानों वाला चेहरा - लाल या बैंगनी रंग के धब्बे
2. बुखार
बड़े बच्चों में, निम्न लक्षणों को देखना चाहिए- (symptoms in younger children) - गर्दन में अकड़न - पीठ और जोड़ों में गंभीर दर्द - बहुत तेज सिर दर्द - चमकदार रोशनी से चिढ़ होना - बहुत ठंडे हाथ और पैर - कांपना - तेजी से साँस लेना
3. मांसपेशियों में दर्द
4. सिरदर्द
5. हाथों और पैरों का ठंडा होना
मेनिनजाइटिस में बैक्टीरिया ब्ल्डस्ट्रीम में प्रवेश करके दिमाग और स्पाइन कॉर्ड में चला जाता है। कई बार जुकाम या साइनस की समस्या होने से भी यह बैक्टीरिया नाक और मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और दिमाग में सूजन पैदा कर देते हैं। दिमागी बुखार (Dimagi Bukhar) का एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज किया जा सकता है। मेनिनजाइटिस को जांचने के लिए ग्लास टेस्ट भी किया जा सकता है।
ग्लास टेस्ट- यदि कांच के गिलास के किनारे को शरीर के ऊपर हुए धब्बों पर दबाया जाए तो यह फेड नहीं होते। यह मेनिनगोकोक्कल सेप्टीकामिया (meningococcal septicaemia) का लक्षण होता है। इस अवस्था से पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर गुलाबी रंग के दाने हो जाते हैं जो बाद में बैंगनी रंग के बड़े दानों में तब्दील हो जाते हैं।