खसरा (Measles), एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है। खसरा मीजल्स वायरस (Measles Virus) से फैलता है। इससे ग्रसित रोगी का पहले गला खराब होता है और उसके बाद बुखार आता है।
खसरा (Khasra) श्वसन (सांस) के माध्यम से फैलता है। यह संक्रमण (Infection) औसतन 14 दिनों तक प्रभावी रहता है और 2-4 दिन पहले से दाने निकलने की शुरूआत हो जाती है, अगले 2-5 दिनों तक संक्रमित रहता है (अर्थात कुल मिलाकर 4-9 दिनों तक संक्रमण रहता है), इसका असर इंफेक्शन वाले दिन से नहीं, बल्कि उसके कई दिनों बाद होता है।
यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक लोग (जिनका टीकाकरण नहीं हुआ), इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं।
खसरे के टीके की दो खुराक से इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह रोग 9 माह से 10 वर्ष तक के बच्चों में सर्वाधिक होता हैं।
अभी तक ज्ञात कारणों के अनुसार मनुष्य के द्वारा ही खसरा एक से दूसरे मनुस्य तक फैलता है। रोगी के कपड़े, बिस्तर, रुमाल आदि इस्तेमाल करने से वायरल फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
खसरा में नाक से पानी भी आ सकता है। यदि बीमारी का उचित उपचार न हो, तो फेफड़े में भी इसका संक्रमण हो सकता है। बड़ों में यह संक्रमण वायरल निमोनिया में बदल सकता है। यह दशा रोगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
खसरा से बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है इसके रोगी के संपर्क में ना आना। लेकिन अगर खसरा (Khasra) हो भी जाए तो निम्न उपाय द्वारा इससे बचाव मुमकिन है: