अनिद्रा (नींद न आना) - Insomnia in Hindi

अनिद्रा (नींद न आना) - Insomnia in Hindi

अनिंद्रा (नींद न आना) क्या है - What is Insomnia in Hindi

अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रुरी भी है। ऐसा कहा जाता है "If you cannot sleep, you cannot heal", यानि अगर आप सोएंगे नहीं तो आप सही नहीं हो पाएंगे। नींद शरीर के लिए आराम करने का सबसे बेहतरीन तरीका है। आइएं समझें अपनी नींद को करीब से।

क्यों जरूरी है नींद - Importance of Sleep in Hindi

हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद बहुत ही जरूरी है। इंसान के शरीर को नींद की उतनी ही जरूरत है जितनी खाने पीने की। पर्याप्त नींद नहीं लेने से हमारी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।

हर उम्र में शरीर की नींद की अवधि की जरूरत बदलती है। नवजात शिशु 18 घंटे तक सोते हैं तो वयस्कों को औसतन आठ घंटे की नींद की जरूरत होती है।

पर्याप्त नींद के अभाव का सीधा असर हमारे शरीर की चयापचय प्रक्रिया (Metabolic Process) पर पड़ता है और इससे मधुमेह (Diabetes), वज़न का बढ़ना (Weight Gain), उच्च रक्त चाप (High Blood pressure) जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

अनिद्रा (नींद न आना) की समस्या - About Insomnia or sleeplessness in Hindi

चिकित्सा शास्त्र के अनुसार हफ्ते में तीन बार पूरी रात न सोने को नींद न आने की बीमारी यानि अनिद्रा (Anidra) समझा जाता है। अनिद्रा (Insomnia), दुनिया भर की आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो किसी भी उम्र के पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है। इन दिनों लोग विभिन्न प्रकार की अनिद्रा से पीड़ित हैं।

1. अल्पावधि अनिद्रा - Short term Insomnia in Hindi :

अल्पावधि या तीव्र अनिद्रा, अनिद्रा का एक आम प्रकार है, यह कुछ दिनों के लिए होती है और कुछ दवाओं या जीवनशैली में किये गये मामूली बदलावों से होती है।

2. चिरकालीन अनिद्रा - About Chronic Insomnia in Hindi :

अगर अनिद्रा की समस्या काफी लंबे समय के लिए रहे तो यह आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है। अगर एक व्यक्ति 30 दिनों से भी अधिक समय तक के लिये ठीक से ना सो पाए तो इसका अर्थ यह है कि वह चिरकालीन अनिद्रा (Chronic Insomnia) से पीड़ित है।

एक शोध के अनुसार, जो लोग कम सोते हैं या फिर अक्सर देर से सोते हैं, अन्य लोगों की तुलना में उनका नजरिया काफी नकारात्मक होता है और वे चिंताओं से घिरे रहते हैं। अमेरिका के बिंघमटन विश्वविद्यालय के जैकब नोटा का मानना है, ‘जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों से परेशान है और सही समय पर नहीं सोता है तो उसे गहरी नींद नहीं आएगी'।

अनिद्रा (नींद न आना) के कारण - Insomnia Causes in Hindi

अनिद्रा की मुख्य वजह टेंशन और तनाव को माना जाता है। लेकिन अनिद्रा के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जो शारीरिक या मानसिक या दोनों तरह के हो सकते हैं। आइयें जानें अनिद्रा की कुछ खास वजहों को : 

अनिद्रा का शारीरिक कारण :

  • शयनकक्ष में बहुत शोर हो या बहुत ठंडा या बहुत गर्म हो
  • बिस्तर छोटा हो या आरामदायक ना हो
  • आपकी सोने की कोई नियमित दिनचर्या न हो
  • आपके साथी का सोने का समय या तरीका आपसे अलग हो
  • आपको पर्याप्त थकान न होती हो या आप पर्याप्त परिश्रम न करते हों
  • आप बहुत देर में खाना खाते हों
  • आप भूखे पेट ही सोने के लिए चले जाते हों
  • सोने से पूर्व चाय, काफी (जिनमें कैफीन नामक रसायन होता है), सिगरेट या शराब का सेवन करते हों
  • आपको कोई रोग, दर्द या बुखार हो

 अनिद्रा का मानसिक कारण :

  • आप भावनात्मक समस्याओं से जूझ रहे हों
  • आपको रोजगार सम्बन्धित परेशानियां हों
  • आप किसी उलझन और चिन्ता में हों
  • आप बार- बार एक ही समस्या के बारे मे सोचते हों

अनिद्रा (नींद न आना) का इलाज - Insomnia Treatment in Hindi

नींद आने की समस्या से निजात पाने के लिए अकसर लोग नींद की गोलियों का सेवन करते हैं जो सही चीज नहीं मानी जाती। नींद ना आने (Sleep Disorder) की एक मुख्य वजह तनाव भी हो सकता है। अच्छी नींद पाने के लिए कुछ उपाय निम्न हैं: 

  • शारीरिक परिश्रम शरीर को थकाता है और आराम की जरूरत बढ़ाता है। अतः नियमित खेलकूद या टहलना हमारे लिए लाभदायक है, इससे शरीर चुस्त रहता है और थकान होने के कारण नींद अच्छी आती है।
  • बिस्तर एवं शयन कक्ष आरामदायक हो, बहुत ठंडा या गरम न हो। इस बात का ध्यान रखें कि गद्दा आपके लिए उपयुक्त हो। 
  • सोने से पहले धीमा संगीत भी शरीर को आराम देता है और सोने में मदद देता है। 
  • सोते समय सिर के नीचे छोटा तकिया रखें। एक तकिया अपने घुटनों के नीचे और दूसरा अपने घुटने और जांघ के बीच रखें। इससे शरीर का वजन निचले हिस्से की ओर आएगा और आप आराम से सो सकेंगे।
  • सोने से एक घंटा पहले कमरे की लाइट हल्की कर लें।
  • सोते समय अच्छी और सकारात्मक बातें सोचें।
  • रात में सोने से पहले दूध पिएं, जिससे अच्छी नींद आएगी। चाय-कॉफी की मात्रा को सीमित करें और दिन भर में दो-तीन बार से ज्यादा इनका सेवन न करें।
  • समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
  • अच्छे दोस्त बनाएं। अकेलेपन से दूर रहें।
  • यदि कोई चीज़ आपको परेशान कर रही है और आप उसके बारे में सही तरीके से नहीं सोच पा रहे हों तो अपनी समस्या को सोने से पहले कागज़ पर लिख लें और स्वयं से कहें कि कल आप इस समस्या से निपटेंगे। 
  • अगर आप सो नहीं पाते हैं तो उठ जाएं और कुछ ऐसा करें जिससे आपको हल्का महसूस हो, जैसे – पढ़ना, टीवी देखना या हल्का संगीत सुनना और जब आप थकान महसूस करें तो फिर से सोने जाएं। 

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