बदहजमी (अपच) - Indigestion in Hindi

बदहजमी (अपच) - Indigestion in Hindi

पाचनक्रिया के दौरान पेट में गैस का बनना एक सामान्य प्रक्रिया है। शरीर की अन्य प्रक्रियाओं की तरह पेट में गैस का बनना और बाहर निकल जाना भी एक सामान्य प्रक्रिया है।

कई बार पेट में गैस बनने की तीव्रता बढ़ जाती है और पेट के भीतर बनने वाली इस गैस के बाद पेट में तीव्र पीड़ा होने लगती है। अगर यह समस्या अकसर होने लगे तो यह गम्भीर बीमारी का रूप ले लेती है जिसे गैस्ट्रिक (Gastric Problem) के नाम से जाना जाता है। 

बदहजमी (अपच) या गैस्ट्रिक की समस्या क्या है - What is Indigestion in Hindi 

मानव शरीर में गैस्ट्रिक म्यूकोसा (Gastric Mucosa) के द्वारा हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है जो मानव शरीर पर प्रभाव डालता है और गैस की समस्या से निजात दिलाता है। अगर हाइड्रोक्लोरिक एसिड सही प्रकार से नहीं बनता है तो भोजन भी सही से नहीं पच पाता है।

आधुनिक जीवन शैली ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है। गैस्ट्रिक बीमारी का सीधा संबंध खानपान से है। जो लोग भोजन में चटपटा, तला, मिर्च मसालेदार, खट्टा, नींबू, संतरा आदि का सेवन अधिक करते हैं उन लोगों को यह समस्या जल्दी होती है।

इनके अलावा जो लोग चाय, काफी, चालकेट, शराब का अधिक सेवन करते हैं, वे भी इस रोग से ग्रसित हो जाते हैं। तनावग्रस्त रहने वाले लोगों को भी गैस की समस्या (Gastric Problem) अधिक होती है।

बदहजमी (अपच) के लक्षण - Indigestion Symptoms in Hindi

  • खट्टी डकारें आना,
  • खाना या खट्टा पानी (एसिड) मुंह में आ जाना,
  • गले से खरखराहट महसूस होना और सांस फूलने की भी शिकायत होना,
  • छाती के निचले भाग में दर्द का महसूस होना और उलटी करने का मन करना,
  • स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाना,

बदहजमी (अपच) के कारण - Indigestion Causes in Hindi

  • अनियमित जीवनशैली
  • ज्यादा तनाव
  • ज्यादा तला- भुना भोजन
  • स्मोकिंग, ड्रिंकिंग
  • राजमा, काले चने, सफेद चने, लोबिया, सूखे हरे मटर, पॉपकॉर्न, सूखी मक्कई जैसे अनाज पेट में गैस पैदा कर सकते हैं।

बदहजमी (अपच) का इलाज - Indigestion Treatment in Hindi

बदहजमी या गैस्ट्रिक की समस्या से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका है खानपान का ध्यान रखना। डॉक्टरों के अनुसार गैस्ट्रिक से निजात पाने के आसान उपाय निम्न हैं: 

  • गैस की बीमारी में उपचार के साथ अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
  • गैस्ट्रिक रोगियों को बचाव के लिये कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि रोग ज्यादा न बढ़ पाये।
  • दिन भर में मुख्य आहार 2 बार के स्थान पर 3-4 बार थोड़ी मात्रा में करें।
  • तनाव न लें और जल्दबाजी से बचें, गुस्से पर काबू रखें।
  • व्यायाम और गरम पानी पीने से भी गैस्ट्रिक के रोगियों को आराम मिलता है। 

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