डिमेंशिया (मनोभ्रंश) - Dementia in Hindi

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) - Dementia in Hindi

डिमेंशिया (Dementia) व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली बीमारी होती है। अल्जाइमर्स की बीमारी (Alziehmers Disease) और वस्क्युलर डिमेंशिया (Vascular Dementia) इसके सबसे आम प्रकार (Common Type) हैं।

डिमेंशिया क्या है - What is Dementia in Hindi

दिमाग की कोशिकाओं को न्यूरॉन्स (Neurons) कहते हैं जो दिमाग को संचालित करती हैं। डिमेंशिया एक ऐसा मानसिक रोग है जिसमें धीरे धीरे दिमाग के न्यूरॉन्स नष्ट हो जाते हैं।

डिमेंशिया के शिकार लोगों के दिमाग में प्रोटीन का जमाव होने लगता है। यह दिमाग के स्मरणशक्ति में फैल जाता है जिससे दिमाग के कुछ हिस्सों के न्यूरॉन मरने लगते हैं। इससे याददाश्त के लिए जरूरी महत्त्वपूर्ण न्यूरो ट्रांसमीटर (Neuro Transmitter) मसलन एसेटिलकोलाइन (Asetilkolin) का स्तर कम हो जाता है।

डिमेंशिया के कारण होने वाली समस्या - Problem Due to Dementia in Hindi

इन बीमारियों (Dimagi Bimari) में रोगी की याददाश्त और सोचने की शक्ति धीरे धीरे कम होती जाती है। किसी के लिए भी डिमेंशिया बेहद परेशानी वाली बीमारी है। धीरे-धीरे यह व्यक्ति के रोजमर्रा के क्रियाकलापों को भी कठिन बना देती है। डिमेंशिया के रोगी धीरे धीरे पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर होते जाते हैं|

डिमेंशिया से बचाव - Protection from Dementia in Hindi

कुछ क्रियाकलापों और जीवनशैली में तब्दीली लाकर न सिर्फ इस बीमारी के होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है, बल्कि हो जाने के बाद इसके बढ़ने की गति को धीमा भी किया जा सकता हैं।

डिमेंशिया का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। डिमेंशिया की समस्याएं अचानक, रातों-रात नहीं होतीं. ये धीरे धीरे बढ़ती हैं. शुरू में ये छोटी, मामूली बातों में दिखाई देती हैं जिस कारण परिवार वाले इनको नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यदि परिवार वाले सतर्क रहें तो पहचान पायेंगे कि क्या भूलना सामान्य किस्म का है या गंभीर समस्या का सूचक हो सकता है। वे फिर डॉक्टर से सलाह से रोगी का उचित इलाज करवायें। सिर में कई बार चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। 

डिमेंशिया के लक्षण - Dementia Symptoms in Hindi

  • अपने आप में गुमसुम रहना, मेल-जोल बंद कर देना, चुप्पी साधना
  • कपडे उलटे पहनना, साफ़-सुथरा न रह पाना
  • किसी बात को या प्रश्न को दोहराना, जिद्द करना, तर्क न समझ पाना
  • किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है
  • कुछ काम शुरू करना, फिर भूल जाना कि क्या करना चाहते थे, और बहुत कोशिश के बाद भी याद न कर पाना
  • चीज़ों को गलत, अनुचित जगह पर रख छोडना (जैसे कि घडी को, या ऑफिस फाइल को फ्रिज में रख देना)
  • छोटी छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना
  • छोटी-छोटी बात पर, या बिना कारण ही बौखला जाना, चिल्लाना, रोना, इत्यादि
  • डिमेंशिया से प्रभावित व्यक्ति में, रोग के बढ़ने के साथ ज्यादा और अधिक गंभीर लक्षण नज़र आते हैं। (याद रखें कि हर व्यक्ति में अलग अलग लक्षण नज़र आते हैं)
  • नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत, गिनती करने में दिक्कत
  • बोलते या लिखते हुए गलत शब्द का प्रयोग करना, या शब्दों के अर्थ न समझ पाना
  • बड़ी रकम को फालतू की स्कीम में डाल देना, पैसे से सम्बंधित अजीब निर्णय लेना, लापरवाही या गैरजिम्मेदारी दिखाना
  • यह भूल जाना कि तारीख क्या है, कौनसा महीना है, साल कौनसा है, व्यक्ति किस घर में हैं, किस शहर में हैं, किस देश में

डिमेंशिया के कारण - Dementia Causes in Hindi

​डिमेंशिया कई कारणों से हो सकता है लेकिन इसका मुख्य कारण आनुवांशिक ही माना जाता है। साथ ही बढ़ती उम्र में इस बीमारी से पीड़ित होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अहम कारक निम्न हैं: 

  • आनुवांशिक: अगर परिवार में कोई भी इस बीमारी से पीड़ित हो, तो खतरे की संभावना ब़ढ जाती है
  • बढ़ती उम्र में इस बीमारी के खतरे बढ़ जाते हैं। 
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों को डिमेंशिया के प्रति सचेत रहना चाहिए। 
  • मधुमेह और मोटापे को भी इसका मुख्य कारण माना जाता है। 
  • ज़्यादा जंक फूड खाने से और आधुनिक जीवनशैली से शरीर से जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिस कारण डिमेंशिया (Dementia) होने की संभावना बढ़ जाती है। 

डिमेंशिया का इलाज - Dementia Treatment in Hindi

डिमेंशिया से बचाव और इसका इलाज दोनों ही संभव है। जरूरी है तो केवल सही समय पर इसकी जानकारी होना। डिमेंशिया के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है: 

  • डिमेंशिया का व्यक्ति और परिवार पर क्या असर पड़ेगा, यह समझें और स्वीकारें।
  • देखभाल कई वर्षों तक चल सकती है, इसलिए यह जानना जरूरी है कि रोगी की देखभाल के अलावा और क्या क्या जिम्मेदारियां निभानी हैं और देखभाल के लिए समय और पैसे का इंतजाम किस प्रकार करेंगे।
  • इसलिए अपनी जिंदगी में उसी प्रकार से बदलाव लाएं ताकि रोगी की देखभाल के साथ साथ आप अपनी अन्य जिम्मेदारियां भी निभा सकें। इसके लिए जो भी सीखना है, वह सीखें, और खुशी खुशी अपने कर्तव्य का निर्वाह करें। 

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