ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ) - Bronchitis in Hindi

ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ) - Bronchitis in Hindi

जब श्वासनली तथा इसकी शाखाओं में संक्रमण या एलर्जी के कारण सूजन आने के कारण श्वास संबंधी समस्या होती है तो उस स्थिति को ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) कहते हैं। यह सर्दियों की एक आम समस्या है।  

ब्रोंकाइटिस में समस्याएं - Problems in Bronchitis in Hindi

ब्रोंकाइटिस में अकसर गले और श्वास नली में अत्यधिक दर्द होता है। शुरुआती दौर में तो यह केवल गर्म भाप लेने से भी सही हो जाता है लेकिन अगर समस्या बढ़ जाए तो दवाई लेनी चाहिए। 

ब्रोंकाइटिस के लक्षण - Bronchitis Symptoms in Hindi

  • खांसी के साथ बहुत गाढ़ा व हरे रंग का बलगम आना
  • नाक बहना या बंद होना
  • बदन दर्द होना
  • बार-बार छाती में जलन
  • बुखार या ठंड लगना
  • लगातार काफी देर होना
  • सांस फूलना
  • सांस लेते समय छाती में घरघराहट की आवाज होना

ब्रोंकाइटिस के कारण - Bronchitis Causes in Hindi

सर्दियों में जब ठंड के कारण सर्दी-जुकाम होने लगता है तब यह बीमारी मुख्य रूप से सामने आती हैं। ​​ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) होने की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं :

  • सीने में स्थित श्वांस नली और उसकी शाखाओं में बार-बार होने वाला इंफेक्शन।
  • न्यूमोनिया भी ब्रोंकाइटिस का मुख्य कारण होती है।
  • टी.बी. का इंफेक्शन भी इसका एक प्रमुख कारण होता है। अगर शुरुआत में ही टी.बी. इंफेक्शन का समुचित इलाज हो जाए तो ब्रोंकाइटिस से बचा जा सकता है।
  • कुछ लोगों में यह रोग जन्मजात होता है।
  • इसके अलावा ऐंटीट्रिप्सिन नामक एंजाइम की कमी, रयूमेटाइड ऑर्थराइटिस और अन्य आटोइम्यून बीमारियां भी ब्रोंकाइटिस का कारण बनती हैं।
  • बैक्टीरिया या विषाणु का संक्रमण भी ब्रोंकाइटिस का कारण हो सकता हैं।
  • धूम्रपान और वायु प्रदूषण के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। 
  • वायु में किसी चीज से एलर्जी जैसे पराग कण इत्यादि भी ब्रोंकाइटिस का कारण हो सकते हैं।

ब्रोंकाइटिस का इलाज - Bronchitis Treatment in Hindi

ब्रोंकाइटिस से बचाव के लिए शरीर को ठंडी से बचाना चाहिए। साथ ही निम्न बातों का भी ख्याल रखना चाहिए: 

  • धूम्रपान छोड़ दें। 
  • वायु प्रदूषण, व धूल से बचें। 
  • सर्दी और फ्लू से करें बचाव। 
  • बलगम पतला रखने के लिए खूब पानी पिएं। 
  • सोते समय सिर बिस्तर से ऊंचा रखने के लिए तकिए का प्रयोग करें।
  • यदि बुखार बढ़ जाए और ठंड लगने लगे तो तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करें। 

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