खान-पान में अनियमितता और मैदा या सुपरफाइन आटे से बने खाद्य प्रदार्थ खाने के कारण हमारे पेट में बहुत गैस पैदा होने लगती है। अगर यह गैस स्वाभाविक तरीके से पेट से बाहर निकल जाये तो तकलीफ नहीं होती मगर जब यह गैस नही निकलती है तो पेट फूल जाता है और अफारे (Gas) की स्थिति बन जाती है, तब बड़ी तकलीफ होती है।
अफारा जैसा महसूस होना
खाना खाने के बाद पेट ज्यादा भारी लगना
छाती में जलन होना
जी मिचलाना
डकारें आना
पेट में दर्द होना
पेट में भारीपन महसूस होता है
पेट से गैस पास होना
खानपान : सुपरफाइन आटे (Packed Aata) की रोटी आसानी से नहीं पचती। यह वायु पैदा करती हैं।
शराब पीने से भी पेट में गैस बनती है।
मिर्च-मसाला या तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से।
फलियां (Beans), राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से।
खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से। इसमें गैसीय तत्व होते हैं।
तला या बासी खाना।
तनाव, देर से सोना और सुबह देर से जागना जैसी खराब जीवनशैली आदतों के कारण भी समस्या हो सकती है।
भूखे रहने से, खाली पेट भी गैस (Pet me Gas) बनने का प्रमुख कारण है। समय असमय खाना खाने से भी गैस संबंधी समस्या हो सकती है।
लीवर में सूजन, गॉल ब्लेडर में स्टोन, फैटी लीवर, अल्सर जैसे रोगों में भी पेट में गैस की समस्या होती है।
मोटापे, डायबीटीज, अस्थमा आदि के रोगियों को अकसर गैस की समस्या देखने को मिलती है।
बच्चों के पेट में कीड़ों की वजह से अफारा हो सकता है।
अक्सर पेनकिलर खाने से भी अफारा हो सकता है।
कब्ज, अतिसार, खाना न पचने व उलटी की वजह से भी अफारा या पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
पेट में गैस की समस्या से निजात पाने का सबसे बढ़िया तरीका है खान-पान सही रखना। अगर खान-पान सही हो तो इस बीमारी से कोई परेशानी नहीं होती है। इसके साथ ही निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए :
भोजन पचेगा, पेट साफ रहेगा तो गैस कम बनेगी।
सुपरफाइन आटे की रोटी आसानी से नहीं पचती, वायु पैदा करती हैं। अतः मोटे चोकर युक्त आटे की रोटी खाएं। यह जल्दी पचेगी और वायु पैदा नहीं होगी और अफारा जैसी तकलीफें नहीं होंगी।
हरे साग जैसे बथुआ, पालक, सरसों का साग खाएं। खीरा, ककड़ी, गाजर, चुकंदर भी इस रोग को शांत रखते हैं। इन्हें कच्चा खाना चाहिये।
नारियल का पानी दिन में तीन बार पियें। इससे सारा कष्ट मिट जाएगा।