आयुर्वेदिक दृष्टि से करेला (Bitter Gourd) एक चमत्कारी औषधि है जिसका इस्तेमाल कई रोगों में दवाइयों के तौर पर किया जाता है। करेला स्वाद में कड़वा होता है और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
बड़े करेले का सेवन करने से प्रमेह, पीलिया और आफरा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। छोटा करेला बड़े करेले की मुक़ाबले ज्यादा लाभदायक होता है। करेला ठंडा व कड़वा स्वभाव का होता है, जो बुखार, पित्त, कफ, पेट में कीड़े जैसी समस्याओं को दूर करता है।
करेले का रस बहुत ही लाभदायक होता है। रोजाना करेले का रस पीने से बहुत से रोग दूर होते हैं, क्योंकि इसमें कई प्रकार के जरूरी विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स व अन्य पोषक तत्व होते हैं।
शुगर कंट्रोल करता है - Control Sugar
करेले में मोमर्सिडीन और चैराटिन जैसे एंटी- हाइपर ग्लेसेमिक तत्व होते हैं, जो ब्लड में शुगर की मात्रा को मांसपेशियों में संचारित करने में सहायक होता है। इसके अलावा करेले के बीजों में पॉलीपेप्टाइड-पी पाया जाता है, जो इन्सुलिन की तरह काम करते हुए डायबेटिक्स में शुगर की मात्रा कम करता है।
भूख बढ़ाता है - Increase appetite
अक्सर भूख न लगने से शरीर में पोषण की कमी देखने को मिलती है, जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। करेले के रस का सेवन करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है, जिसके फलस्वरूप भूख बढ़ती है।
अग्नाशय कैंसर में लाभदायक - Beneficial in Pancreatic Cancer
करेले में कई प्रकार के एंटी- कैंसर कॉम्पोनेंट्स मौजूद होते हैं, जिससे अग्नाशय कैंसर पैदा करने वाली सभी कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इसलिए करेले के रस का रोजाना सेवन करने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
पाचन शक्ति बढ़ाए - Increase Digestion
करेले का रस पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है साथ ही अपच और बदहजमी जैसी समस्याओं को दूर करता है। करेले का रस एसिड के स्त्राव को बढ़ाता है, जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है। इसलिए पाचन क्रिया को मजबूत करने के लिए सप्ताह में एक या दो बार करेले के रस का सेवन जरूर करना चाहिए।
आंखों की शक्ति बढ़ाए - Increase Eye Sight
करेले के रस का सेवन करने से सभी प्रकार के दृष्टि दोषों को दूर किया जा सकता है। इसमें बीटा- कैरोटीन और विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में होता है, जिससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त करेला, विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से होने वाली आंखों की समस्या से बचाता है।
खून साफ़ करे - Blood Purifier
करेला, शरीर में रक्त शोधक के तौर पर काम करता है, जो जहरीले तत्वों को बाहर निकालकर फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाव करता है। इसलिए करेले का रस पीने से खून साफ़ होता है और मुहांसे दूर होते हैं।
जोड़ों के दर्द में राहत - Relief in Joint Pain
करेले का रस और सब्जी के सेवन तथा करेले के पत्तों के रस से मालिश करने से गठिया और जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा करेले का रस और तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर इस्तेमाल करने से वात संबंधी रोगों में आराम मिलता है।
पथरी से बचाव - Preventing Stone
रोजाना दो करेलों का रस पीने और करेले की सब्जी खाने से पथरी के रोग में आराम मिलता है। ऐसा करने से पथरी गलकर बाहर निकलती है। बीस ग्राम करेले के रस को शहद में मिलाकर सेवन करने से पथरी गलकर मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती है। करेला दोनों प्रकार की (गुर्दे या मूत्राशय) पथरी को गलाकर खत्म करने की क्षमता रखता है।
शुगर की कम मात्रा - Hypoglycemia
करेले का सेवन, रक्त में शक्कर (शर्करा) की मात्रा को कम करने में बहुत मदद करता है। लेकिन कई बार इसके अधिक सेवन से या लगातार सेवन से खून में शुगर यानी शक्कर की मात्रा जरूरत से ज्यादा कम हो जाती है, जो रोगी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
गर्भपात - Miscarriage
गर्भावस्था में करेले का अत्यधिक सेवन करने से प्रसव के दौरान समस्या या गर्भपात की समस्या हो सकती है। क्योंकि करेले में कई लैक्सेटिव तत्व होते हैं, जो समय से पहले प्रसव संकुचन, महवारी (मासिक धर्म) या गर्भपात जैसी अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
खून का थक्का जमना - Blood Clotting
एनल ऑफ सऊदी मैडिसिन (Annals of Saudi Medicine) के द्वारा किए गए शोध के अनुसार करेले का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से शरीर में खून का थक्का जमने लगता है, जो आगे चलकर दिल का दौरा जैसी गंभीर समस्या में बदल सकता है।