आजकल चाय का प्रचलन लगभग हर घर में बढ़ गया है। चाय के प्रचलन के साथ इसकी कई तरह की किस्में भी इजात की जा चुकी हैं। आजकल की सबसे ज्यादा प्रचलित किस्म है ग्रीन टी यानि हरी चाय। ग्रीन टी की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसका वजन कम करने वाला गुण है। आज की लाइफस्टाइल की सबसे बड़ी समस्या में ग्रीन टी रामबाण की तरह काम करता है। आइये जानें ग्रीन टी बनती कैसे है:
कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia sinensis) नामक पौधे की पत्तियों से ग्रीन टी बनाई जाती है।इसे बनाने में ऑक्सीकरण बहुत कम किया जाता है जिस वजह से इसके प्राकृतिक गुण बने रहते हैं।
इसकी शुरुआत चीन में हुई थी और आगे जकर यह एशिया समेत विश्वभर में प्रचलित हो गया। ग्रीन टी (Green Tea) का स्वाद हल्का सा कड़वा होता है जिसे शहद या चीनी मिलाकार बैलेंस किया जा सकता है। आजकल मार्केट और ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए आप ग्रीन टी की विभिन्न किस्मों को घर बैठे मंगा सकते हैं। ग्रीन टी के साथ इलायची, अदरक, शहद या किसी अन्य प्राकृतिक हर्ब को मिलाकर पिया जा सकता है।
आजकल ज्यादातर लोग ग्रीन टी बैग का इस्तेमाल करते हैं। इसको बनाने के लिए बस एक कप में उबला हुआ पानी डाले और ग्रीन टी बैग को दो से तीन मिनट तक इसमें डुबाकर छोड़ दें। अगर आप खुली पत्तियां इस्तेमाल कर रहे हैं तो पानी में इलायची और अदरक कूट कर डाले। जब पानी में उबाल आ जाए तो गैस बंद करके गर्म पानी में चाय की पत्तियां डाल दें और बर्तन को ढ़क दें। इसके बाद चाय छानकर पी लें।
ग्रीन टी एक, फायदे अनेक
ग्रीन टी (Green Tea) में पाई जाने वाली कैफीन, सॉफ्ट ड्रिंक में पाई जाने वाली कैफीन से अलग तथा बेहतर होती है। ये पौधे के अंदर प्राकृतिक रूप से पाई जाती है और हमारे ब्रेन के फंक्शन को बेहतर करती है। ग्रीन टी में अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) वजन कम (Weight Loss) करने में भी सहायक है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ग्रीन टी से होने वाले फायदों को बताने जा रहे हैं। एक दिन में दो कप ग्रीन टी आपकी सेहत को बहुत से सकारात्मक फायदे दे सकती है। आइए जानें ग्रीन टी पीने के फायदे (Green Tea ke Fayde)।
1. एंटी फ्लेमेट्री (Anti Inflammatory) गुण होने के कारण ग्रीन टी इन्फ्लेमेशन से होने वाली बहुत सी बीमारियों को होने से बचाते हैं।
2. ग्रीन टी में हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) पाए जाते हैं जो वजन करने में बेहद सहायक है। यूं भी बढ़ता वजन आम समस्या हो गई है। तो वजन कम करना है तो ग्रीन टी पियें।
3. खून में कैलोस्ट्रोल (Cholesterol) की मात्रा बढ़ना भी एक बड़ी समस्या है। ग्रीन टी पीने से कैलोस्ट्रोल कम होता है जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
4. जानलेवा कैंसर (Cancer) से बचाव में भी ग्रीन टी पीना बेहद लाभदायक है। ग्रीन टी पीने से कैंसर को पैदा करने वाले सेल डेवलप नहीं हो पाते, जिससे कैंसर होने का खतरा भी बेहद कम हो जाता है।
5. ग्रीन टी में एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुण भी पाए जाते हैं जो हमें एंटी और वायरल इंफेक्शन से भी बचाती है। ऐसे में यदि आप सर्दी, जुकाम या बुखार से पीड़ित हैं तब भी ग्रीन टी आपको लाभ देगी।
6. यदि ऑर्थोटिक्स से परेशान हैं, घुटनों में या बदन में दर्द रहता है, तो ग्रीन टी को दिनचर्या में शामिल कीजिए। स्वस्थ्य बेहतर होगा।
7. यदि डायबिटीज (Diabetes) या हाइपरटेंशन (Hypertension) से परेशान हैं तो ग्रीन टी पीजिये। ग्रीन टी ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करती है। ग्रीन टी में पाये जाने वाले एंटीआक्सीडेंट शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाती है।
8. ग्रीन टी पीने से चेहरे पर ग्लो (Glowing Face) आता है। चेहरे के दाग-धब्बे कम होकर चेहरे साफ हो जाता है। ग्रीन टी को पैक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
खतरनाक भी हो सकती है ग्रीन टी?
ग्रीन टी आजकल अधिक वजन की समस्या से जुझ रहे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। टी बैग़्स में मिलने के बाद तो ग्रीन टी और भी ज्यादा लोकप्रिय हो गई है। कई लोग तो वजन कम करने के लिए इसको जादू की छड़ी भी मानने लगे हैं। इसमें मौजूद तत्व जैसे “एल-थियानाइन” (L-Theanine) और पॉलीफिनोल (Polyphenols) के कारण वजन करने में यह काफी मददगार हो जाता है।
लेकिन ग्रीन टी का अगर अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। आइए जानें किस तरह से ग्रीन टी आपके लिए नुकसानदायक (Side Effects of Green Tea) साबित हो सकती है।
अनिद्रा की समस्या
ग्रीन टी में कैफीन होती है जिसके कारण अगर आप एक तय सीमा से अधिक ग्रीन टी पीते हैं तो आपको अनिद्रा (Insomnia) या सर दर्द की शिकायत हो सकती है। कैफीन की अधिक मात्रा के कारण दिल की धड़कने अनियमित हो सकती है, सीने में जलन आदि भी हो सकता है। हालांकि ग्रीन टी में कॉफी से काफी कम मात्रा में कैफीन होती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं
ग्रीन टी को गर्भवती महिलाओं के लिए कभी सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसमें मौजुद कैफीन के कारण गर्भ को नुकसान हो सकता है। कई रिसर्च में यह भी पाया गया है कि इसके कारण मिसकैरीज यानि गर्भपात होने की समस्या भी हो सकती है। स्तनपान कराने वाली या गर्भवती महिलाओं को भी ग्रीन टी ना पीने की सलाह दी जाती है।
शरीर में आयरन की कमी
अधिक मात्रा में ग्रीन टी पीने से शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। दरअसल इसमें टैनीन (Tannin) नामक तत्व होता है जो खाने से आयरन को प्राप्त करने की प्रकिया को कम कर देता है। इससे अनिमिया (Anemia) होने की समस्या हो सकती है। इसके कारण पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
सेक्स लाइफ और प्रोडेक्टिविटी पर असर
सुनने में थोड़ा अजीब लगे लेकिन कोलकाता में हुए एक रिसर्च से यह पता चला है कि अधिक मात्रा में ग्रीन टी का इस्तेमाल करने से मेल हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) के लेवल में कमी आती है। यह एक गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।
ग्रीन टी पीने का सही तरीका क्या है?
ग्रीन टी दिन में तीन से चार बार ही पीनी चाहिए। साथ ही ग्रीन टी को खाली पेट नहीं पीना चाहिए। खाने के तुरंत बाद भी इसे नहीं पीना चाहिए। अगर दिन में तीन कप से ज्यादा ग्रीन टी पी रहें है तो पानी भी उसी हिसाब से अधिक पीनी चाहिए। अगर शरीर में आयरन की कमी है तो ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए। अगर ग्रीन टी पीने से गैस की समस्या हो तो उसमें दूध मिलाकर पीना चाहिए।