दालचीनी के फायदे और नुकसान - Cinnamon (Dalchini) Benefits and Side Effects in Hindi

दालचीनी के फायदे और नुकसान - Cinnamon (Dalchini) Benefits and Side Effects in Hindi

गरम मसालों में दालचीनी (Cinnamon or Dalchini) सबको प्रिय है। सुगंधित और स्वाद में मीठी दालचीनी का हमारे रसोई में भी खास स्थान है। खासकर तब जब किचन में मुगलई डिश, बिरयानी, खीर या फिर कुछ मीठा बन रहा हो। नॉन वेज खासकर मटन में इस मसाले का प्रयोग होता ही है। इसकी मीठी खुशबू किसी भी डिश को स्पेशल बनाती है।

दालचीनी का महत्व सिर्फ किचेन तक ही नहीं है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स और कई जरुरी तत्व हमारे सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। शायद बहुत कम लोगों को इस एशियाई मसाले के औषधीय गुण के बारे में विशेष जानकारी है।

दालचीनी पाचन, वात को कम करने, गर्भाशय की बीमारी, डायबिटीज, गठिया और कैंसर समेत कई बीमारियों के इलाज में काम आता है। चाय, काफी में दालचीनी मिला कर पीने से सर्दी-जुकाम भी ठीक होता है। श्रीलंका और दक्षिण भारत में दालचीनी के पेड़ काफी होते हैं। हम इस पेड़ की छाल का उपयोग मसाले और दवाई के रुप में करते हैं।

दालचीनी के फायदे - Benefits of Cinnamon in Hindi

डायबिटीज - Cinnamon for Diabetes

दालचीनी का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित रखता है। खासकर टाइप-2 डायबिटीज में। शोधों से पता चला है कि इस मसाले के सेवन से ब्लड में ग्लुकोज का लेवल कम होता है। खाने में 1 चम्मच दालचीनी पाउडर के सेवन से रक्‍त में शर्करा का स्‍तर कम होता है। इसके सेवन से टाइप-2 डायबीटिज में ग्लूकोज का स्तर 18 से 24 फीसदी तक कम हो सकता है।

कोलेस्ट्रोल - Cinnamon for Cholesterol

दालचीनी हार्ट के सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें पाए जाने वाला एंजाइम ट्राईग्लिसराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है। इसके नियमित सेवन से हार्ट अटैक की संभावना कम रहती है।

अल्जाइमर - Cinnamon for Alzheimer

अल्जाइमर मस्तिष्क की बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क का स्नायु तंत्र काम करना छोड़ देता है। तेल अबीव यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध से पता चला है कि अल्जाइमर के मरीज को जब दालचीनी की जूस नियमित रुप से दिया जाता है तो मस्तिष्क को संदेश पहुंचाने वाला नर्वस सिस्टम बेहतर तरीके से काम करने लगता है।

दालचीनी मे एक खास प्रकार की प्रोटीन पाई जाती है- Tau। यह प्रोटीन मस्तिष्क के स्नायुओं को सक्रिय करती है जिससे मस्तिष्क में संदेश और संवेदना पहुंचता है। इसलिए कहा गया है कि दालचीनी खाने से अल्जाईमर बीमारी आपके मस्तिष्क पर जल्दी आक्रमण नहीं कर सकती है।

अल्जाईमर बीमारी से बचने के लिए शहद में दालचीनी मिला कर इसे नियमित रूप से खाली पेट खाना चाहिए। अमेरिका के कृषि विभाग ने कैंसर में दालचीनी के औषधीय महत्व पर शोध किया है। इस शोध से पता चला है कि दालचीनी ब्लड कैंसर (Leukaemia) से लड़ने की एक कारगर दवा है। दालचीनी के सेवन से कैंसर कोशिकाओं का बनना और फैलना बंद हो जाता है।

गठिया और जोड़ों का दर्द - Cinnamon for Gout or Joint Pain

दालचीनी में एक केमिकल कंपाउड पाई जाता है जिसका नाम है Cinnamomum, जिसमें एंटी इफ्लामेटरी गुण पाये जाते हैं। यह गठिया और जोड़ों के दर्द के लिए एक असरदार घरेलू उपाय है। दालचीनी को पहले कूटकर अच्छी तरह से पीस लें और पानी में इसे घोल कर पेस्ट बना लें। इसे दर्द वाले स्थान पर लगाएं, काफी राहत मिलेगी।

पाचन - Cinnamon for Digestion

दालचीनी में काफी मात्रा में मैग्नीशियम, फाइबर, कैल्शियम और तेल पाए जाते हैं। कैल्शियम और फाइबर बाइल साल्ट के साथ मिलकर और तेल पाचक रस (Gastric Juice) के साथ मिलकर पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है।

इतना ही नहीं एंटी दालचीनी के इफ्लामेट्री गुण होने के कारण यह पेट के अल्सर को भी ठीक करती है। अगर दालचीनी को मिंट के पत्ते के साथ खाया जाए तो यह पाचन में काफी सहयोगी होती है।

वजन कम करना इसमें पाचन क्रिया को तेज करने वाली गुण होती है। यह कार्बोहाइ़ड्रेट को तोड़ने का काम करती है। इसे पानी में उबाल कर शहद मिला कर सुबह खाली पेट पीने से मोटापे से छुटकारा मिलता है।

दालचीनी के और भी हैं औषधीय फायदे - Other Medicinal Benefits of Cinnamon

  • दालचीनी गर्म होती है, इसलिए इसके सेवन से सर्दी, खांसी जुखाम में राहत मिलती है।
  • यह कब्‍ज को भी दूर करती है। 1 ग्राम दालचीनी और 5 ग्राम छोटी हरड़ का चूर्ण मिला कर रात में खाएं, कब्ज भाग जाएगी।
  • दांत में कीड़ा लगने, दर्द होने पर दालचीनी के तेल में भीगी रूई का फाहा लगाने से आराम मिलता है।
  • दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से कम सुनाई देने की समस्‍या से धीरे-धीरे छुटकारा मिलता है।
  • दालचीनी में मैंगनीज का भंडार है। इससे स्‍मरण शक्‍ति बढ़ती है।

दालचीनी से सावधानी - Precaution from Cinnamon in Hindi

दालचीनी गरम मसाला है, इसलिए इसका सेवन ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिला को बिना डॉक्टरी सलाह के दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।

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