ब्राह्मी के फायदे और नुकसान - Brahmi Benefits and Side Effects in Hindi
ब्राह्मी - Brahmi for Health in Hindi
ब्राह्मी एक आयुर्वेदिक जड़ी- बूटी है, जिसका प्रयोग प्राचीनकाल से किया जा रहा है। इसका रंग हरा व सफ़ेद, स्वाद फीका तथा तासीर ठंडी होती है। ब्राह्मी का पौधा जमीन पर फैला हुआ होता है, जिसका तना और पत्तियां मुलायम, गूदेदार होते हैं।
आयुर्वेद की दृष्टि से ब्राह्मी बहुत ही महत्त्वपूर्ण औषधि मानी गई है। ब्राह्मी का वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी (Bacopa Monnieri) है। इसमें हायड्रोकोटिलिन, एशियाटिकोसाइड, एल्केलाइड, सेपोनिन व अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो बौद्धिक विकास, स्मरण शक्ति के अलावा कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- कब्ज, गठिया, रक्त शुद्ध, हृदय समस्या दूर करने में फायदेमंद होते हैं।
ब्राह्मी के फायदे - Benefits of Brahmi in Hindi
कब्ज - Constipation
ब्राह्मी में पाये जाने वाले औषधीय गुण कब्ज की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ब्राह्मी का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इसके अलावा ब्राह्मी में कई रक्तशोधक गुण भी होते हैं, जो पेट से संबंधित समस्या से बचाव करते हैं।
अनिद्रा - Insomnia
जो व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, उन्हें ब्राह्मी इस्तेमाल करना चाहिए। रोजाना सोने से एक घंटा पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच ब्राह्मी चूर्ण मिलाकर पीने से व्यक्ति तनावमुक्त होता है और नींद अच्छी आती है।
उच्च रक्तचाप - High Blood Pressure
ब्राह्मी में मौजूद औषधीय गुण रक्तचाप को संतुलित रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की वजह से परेशान है तो उसे ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का रस शहद में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
खांसी और बुखार - Cold and Fever
ब्राह्मी, शंखपुष्पी, बादाम, छोटी या सफ़ेद इलायची- चूर्ण एक समान मात्रा में लेकर पानी में घोलकर छान लें। इस पानी में मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह- शाम आधा- आधा गिलास पीएं। इससे खांसी, जुकाम, बुखार आदि से राहत मिलती है।
बालों की समस्या - Hair Problem
यदि आप बालों से जुड़ी किसी समस्या से परेशान है तो पंचांग चूर्ण (ब्राह्मी के पांच भागों का चूर्ण) का एक चम्मच की मात्रा में रोजाना सेवन करने से बालों का झड़ना, रूसी, कमजोर बाल आदि परेशानी दूर होती हैं।
हृदय की समस्या - Heart Disease
ब्राह्मी में ब्राहमीन एल्केलाइड (Brahmin Alkaloid) गुण मौजूद होता है, जो हृदय यानि दिल के लिए फायदेमंद साबित होता है। यदि ब्राह्मी का नियमित रुप से सेवन किया जाए तो सारी उम्र हृदय यानि दिल से जुड़ी बीमारी नहीं हो सकती।
मिर्गी के दौरे - Epilepsy Disease
मिर्गी की बीमारी होने पर रोगी को ब्राह्मी की जड़ का रस या या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन दिन में 3 दूध के साथ करवाएं। ऐसा करने से रोगी को लाभ मिलेगा और मिर्गी के दौरे आना बंद हो जाएंगे।
दांत दर्द - Tooth Ache
ब्राह्मी का इस्तेमाल, दांत दर्द जैसी परेशानी में भी किया जाता है। आधा गिलास पानी में आधा चम्मच ब्राह्मी डालकर गर्म करके रख लें। इस पानी से रोजाना दिन में दो बार कुल्ला करें। ऐसा करने से दांतों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
एंटीऑक्सीडेंट - Antioxidant
ब्राह्मी का उपयोग बौद्धिक विकास बढ़ाने के लिए प्राचीनकाल से किया जा रहा है। ब्राह्मी में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं इसलिए ब्राह्मी रस या इसके 7 पत्तों का रोजाना सेवन करना चाहिए।
एकाग्रता बढ़ाए - Increase Concentration
एकाग्रता की कमी के कारण अक्सर बच्चों का ध्यान पढ़ाई से दूर भागता है। ऐसे में दूध के साथ ब्राह्मी चूर्ण का रोजाना सेवन करने से बच्चों में एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है, जिसके फलस्वरूप बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है।
कार्यक्षमता बढ़ाए - Increase Efficiency
ब्राह्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव मुख्य रूप से मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क के लिए एक चमत्कारी औषधि है, मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करती है। लगातार काम करने से थकावट हो जाने पर कार्यक्षमता अक्सर कम हो जाती है। इससे बचने के लिए ब्राह्मी रस या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक तनाव, थकावट या सुस्ती कम होती है और कार्य क्षमता बढ़ती है।
ब्राह्मी से सावधानी - Precaution from Brahmi in Hindi
ब्राह्मी का अधिक सेवन करना खतरनाक हो सकता है। ऐसा करने से सिरदर्द, घबराहट, खुजली, चक्कर, बेहोशी, त्वचा का लाल होना आदि समस्याएं हो सकती है। इसलिए ब्राह्मी का सेवन सावधानी पूर्वक करें। यदि कभी ब्राह्मी के अधिक सेवन से समस्या होती है, तो इसके दुष्प्रभाव को करने के लिए सूखे धनिये का इस्तेमाल किया जा सकता है।