अल्फला को अल्फाल्फा, अल्फा-अल्फा, रिजका व अन्य नामों से भी जाना जाता है। इसकी जड़ें जमीन में बीस से तीस फीट नीचे तक होती हैं, क्योंकि यहां उन्हें वे खनिज लवण प्राप्त होते हैं, जो धरती की सतह नहीं मिल पाते।
आयुर्वेद और होम्योपैथी में अल्फला (अल्फाल्फा) का प्रयोग टॉनिक के रूप में किया जाता है। बीमारी से ठीक होने के बाद या प्रसव के बाद कमजोरी को दूर करने के लिए अल्फला का इस्तेमाल किया जाता है। अल्फाल्फा टॉनिक, लिवर को संतुलित कर यूरिन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और यूरिन से यूरिया को हटाता है। इसके अतिरिक्त अल्फला का सेवन करने से भूख ना लगने की समस्या भी दूर हो जाती है।
अल्फला (अल्फाल्फा) में प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, कैरोटीन, आयरन, जिंक, विटामिन B, विटामिन C, विटामिन E तथा विटामिन K अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो गुर्दे की समस्या, अर्थराइटिस, यूरीन संबंधी समस्या, कोलेस्ट्रॉल व अन्य समस्याओं में लाभदायक सिद्ध होती है।
निम्न समस्याओं में फायदेमंद है अल्फाल्फा - Health benefits of Alfalfa Herb in Hindi
मजबूत हड्डी - Strong Bone
अल्फला विटामिन, मिनरल व अन्य पोषक तत्त्वों से भरपूर है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने व ताकत देने के साथ उनके विकास में भी लाभदायक होता है। इसके अलावा यह पूरे शरीर का रख रखाव भी करता है।
गठिया के उपचार - Gout treatment
यदि कोई व्यक्ति गठिया के रोग से परेशान है तो उसके लिए यह बहुत फायदेमंद है। हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक मिनरल अल्फाल्फा में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसे गठिया के इलाज के लिये लाभदायक माना जाता है। अल्फाल्फा के बीजों से बनी चाय का सेवन करने से गठिया के रोग में फायदा होता है।
शुगर - Sugar
अल्फाल्फा खून में शूगर के स्तर को संतुलित रखता है, इसलिए इसे डायबिटीज या शुगर के इलाज का प्राकृतिक उपचार माना गया है। इसका नियमित सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी में लाभ मिलता है।
गुर्दे की पथरी - Kidney Stone
गुर्दे की पथरी को दूर करने के लिए भी अल्फाल्फा का इस्तेमाल किया जा सकता है। अल्फला में विटामिन A, C, E और जिंक होते हैं, जो किडनी की पथरी को गलाकर निकालने में मदद करते हैं। इन सभी विटामिन और मिनरल को आप अल्फला पाउडर और अल्फला स्प्राउट के रूप में पा सकते हैं।
गंजापन - Baldness
गंजेपन और बालों के झड़ने का प्राकृतिक उपचार के लिए अल्फाल्फा का रस और समान मात्रा में ही सलाद के पत्तों को मिलाकर बालों में लगाइए। यह बालों के विकास तथा बालों को झड़ने से रोकने के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।
मासिक धर्म - Menstrual
अल्फाल्फा महिलाओं के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसमें एस्ट्रोजेनिक के गुण मौजूद होते हैं, जो महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म के दौरान लक्षणों तथा दर्द को कम करने में लाभदायक सिद्ध होता है।
श्वास संबंधी समस्या - Breathing problem
अल्फाल्फा में क्लोरोफिल गुण होते हैं, जो सांस से जुड़ी समस्याओं के इलाज में भी फायदेमंद होती है। सांस की समस्या मुख्य रूप से फेफड़ों और साइनस के कारण होने वाली समस्याओं के निवारण लिए अल्फाल्फा रस का इस्तेमाल किया जाता है।
उच्च रक्तचाप - High Blood Pressure
अल्फाल्फा का नियमित रूप से सेवन करने से कठोर रक्त धमनियां नर्म हो जाती हैं, जो उच्च रक्तचाप जैसी समस्या को दूर करने में लाभदायक है।
मोटापा - Obesity
अल्फाल्फा स्प्राउट्स में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है, जो चीनी, वसा और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होकर मोटापे को दूर करता है। यह फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है।
हृदय रोग - Heart Disease
अल्फाल्फा में कई कीटनाशक और क्लोरोफिल के गुण भी पाये जाते हैं, जो दिल के रोगियों के लिए लाभकारी होते हैं।
चर्म रोग - Skin Disease
अल्फाल्फा और ककड़ी का 100- 100 ग्राम रस मिलाकर सेवन करने से चर्म रोग या शरीर पर चकत्ते के निशान खत्म हो जाते हैं।
अल्फाल्फा के दुष्प्रभाव - Side Effect of Alfalfa Herb
इम्यूनिटी विकार - Immunity Disorder
यदि आप हाइ कोलेस्ट्रॉल के रोगी हैं तो अल्फाल्फा का उपयोग करने से पहले चिकित्सक सलाह जरूर लें। अल्फाल्फा का अधिक मात्रा में करने से शरीर पर सूजन, तनाव, जोड़ों का दर्द, प्रतिरक्षा विकार आदि समस्याएं हो सकती हैं।
एलर्जी - Skin Allergy
यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो अल्फाल्फा का सेवन करते समय इसकी मात्रा का ध्यान जरूर रखें। अन्यथा त्वचा संबंधी रोग या एलर्जी की परेशानी हो सकती है।
गर्भपात - Miscarriage
गर्भावस्था में अल्फाल्फा का अत्यधिक सेवन करने से प्रसव के दौरान समस्या या गर्भपात की समस्या हो सकती है। क्योंकि अल्फाल्फा में कई एस्ट्रोजन पदार्थ होते हैं, जो महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित करते हैं।